रोजनामा औरंगाबाद टाउन
27/07/2019
*#मुसलमान_नवजवान_सोशल_मीडिया_का_इस्तेमाल_सूझ_बूझ_कर_करे*
टाडा और पोटा से भी ज्यादा खतरनाक *#एन्टी_टेरर_ऐक्ट* जिसमे नज़रियाती तहरीक भी काबिल गिरफ्त है
27/07/2019 कल ही लोक सभा मे मरकज़ी वजीर ए दाखला अमित शाह ने "#एन्टी_टेरर_एक्ट" यानी आतंक विरोधी कानून पास कराया है ।
यह कानून टाडा और पोटा से भी ज्यादा खतरनाक है और इसका दायरा भी बहुत बड़ा रखा गया है
जिसमे पहली बार नज़रियाती तहरीक को आतंकवादी से जोड़ दिया गया है । पहले भी टाडा पोटा का इस्तेमाल ज्यादातर मुस्लिम नवजवान के खिलाफ ही किया गया और अब भी हज़ारों की तादाद में मुल्क की मुख़्तलिफ़ रियासतों की जेलों में मुस्लिम नवजवान फंसे पड़े है ।
मुल्क में हर दिन मुसलमानो के लिए कड़ी आज़माइश और इम्तिहान का आता जा रहा है यह सोशल मीडिया का दौर है और सोशल मीडिया की वजह से ही कई नवजवान अब भी जेलों में कै़द है
इसलिए सरपरस्तों वालदैन और खुद मुस्लिम नवजवान पर यह बड़ी जिम्मेदारी आयद हो जाती है के वह कोई ऐसी हरकत ना करे और ना किसी ऐसी साज़िश के जाल में फंस जाए ज़िस से ज़िंदगी भर निकलना मुश्किल हो जाए , मुस्लिम नवज़वानो के फसाने के लिए बाज़ फ़िरकापरस्त लोग व्हाट्सएप, फ़ेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर ऐसे मैसेज वायरल कर सकते है जो मुस्लिम नवजवानों तक पहुचे और मुस्लिम नवजवान उन्हें दुसरो तक वायरल करें ।
अगर ऐसा हुआ तो जितने मैसेज जितने फोन में वायरल होंगे तो उतने सारे लोग कानूनी झमेलों में फंस जाएंगे । इसलिए बहुत ज़िम्मेदारी से बहुत सोच बुझ से और बड़े ऐतेदाल के साथ ज़िंदगी गुजा़रने का वक़्त आ गया है नही तो लम्हा की खता सदियों की सज़ा का सबब बन जाएगी ।
अगर सोशल मीडिया पर नज़रियाती तहरीक या कोई क़ाबिल ऐतराज़ चीज़ वायरल होती है तो मुस्लिम नवजवान उसे हरगिज़ दूसरो तक ना पहुचाए और जगह पर ही उसे डिलीट कर के किस्सा खत्म करें वरना यह महफूज़ रहेगा तो *#ऐंटी_टेरर_एक्ट* के मुताबिक सबूत बन जायेगा । एन्टी टेरर एक्ट कानून होने के बाद ख़ुफ़िया एजेंसियां भी पूरी तरह से सर गरम अमल हो जाएगी और सोशल मीडिया पर भी उनकी कड़ी नजर रहेगी । कही सोशल मीडिया के जरिये तो नज़रियाती तहरीक को फ़रोग़ नही दिया जा रहा है ? अगरचे मुस्लिम नवजवान इसमें मुलव्विस नही रहेंगे लेकिन उन्हें फसाने के लिए जाल बुना जा सकता है ।
संगीन मसाईल का मुनासिब हल सिर्फ और सिर्फ एहतियात और ज़िम्मेदारी है