🌍करोडो युवाओं में खासा लोकप्रिय था चीन की स्थायी नागरिकता प्राप्त मुजरे का चाइनीज़ सरगना अबु टिकटोक अल चीनी,
🌍 एंड्रॉइड और स्मार्टफोन की कमज़ोरी का फायदा उठा कर सितंबर 2016 में दुनिया के सामने आया
🌍महज़ तीन साल में सरगना अबु टिकटोक ने भारी तादाद में खूबसूरत लड़के लड़कियों को अपने संगठन में भर्ती कर लिया था
🌍कुछ आड़े टेढ़े बंदर बंदरिया जैसी भयानक शक्लो वाले लौंडे लौंडियो को भी सगठन में खासा रसूख दिया
🌎आरोप है युवाओं को मुजरे के लिए भड़काता था
कमसिन और कम उम्र युवाओं का ब्रेन वाश करके उन्हें सगठन में उच्च पद देने का लालच देता था
🌍अबु टिकटोक क्षेत्रीय शांति के लिए गम्भीर खतरा बनता जा रहा था मुहल्ले के कई लौंडे इसके खूंखार सदस्य बनकर भारी अशांति और तबाही मचा रहे थे
इसके कई प्रसिद्ध कमांडर और लड़ाके चौबीस घण्टे संगठन के लिए मुजरा करते थे
🌍रिपोर्ट के अनुसार अबु टिकटोक और उसका संगठन चीन द्वारा फंड किये जा रहे थे
🌍अबु टिकटोक अल चीनी का मारा जाना निश्चित रूप से भारत के लिए एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है
🌍सरगना के मारे जाने के बाद भारत के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती इसके उन सदस्यों को मुख्यधारा में लाने की होगी जो अपने लिंग से बगावत करके संगठन में शामिल हुए थे
🌍मगर विशेषग्यो के अनुसार इसकी संभावना बहुत कम है क्योंकि सिर्फ सरगना मारा गया है जबकि संगठन दूसरे देसी नामो से अब भी सक्रिय है ये लोग उसकी सदस्यता लेकर अबु टिकटोक की मौत का बदला लेने की कोशिश करेंगे