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Thursday, 30 August 2018

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यह मजमून एक यहूदी नौजवान ने लिखा है अरबी से उर्दू में
मैं यहूदी हूं औ और फक्र करता  हूं आज की दुनिया में हमारी हुकूमत है तुमने देखा कि हमने तुम्हारे साथ क्या  किया हम तुम्हारी सड़कों पर फिरे तो हमें तुम्हारा हाल पसंद नहीं आया तो पता है हमने क्या किया बहुत आसानी से तुम्हारी लड़कियों को सरों से हिजाब उतरवा दिया दूसरे तरीकों से और आज भी भुला दिया तुम लोगों के पास अपना लिबास भेजा अपने बाजारों को देखो सारे बेशर्म लिबास की नुमाइश गाह हैं और मजे की बात की है तुमने सब कुबूल कर लिया क्या तुम को नहीं मालूम के यही हाल कौमे लूत का था कितने बेवकूफ हो तुम कहते रहते हो यहूदियों ने हमारी जमीन छीन ली कुरान और सुन्नत को खत्म कर दिया तुम कहां हो कुछ क्यों नहीं करते सड़कों पर तुम्हारी लड़कियां घूम रही हैं क्या तुम्हारा हाल बहुत बुरा हो गया हमें तुम लोगों की तालीम मैं तरक़की़ पसंद ना थी तो हमने तुम्हारा निसाब बदलवा दिया और तुम्हारे टेलीविजन को जिल्लत आमेज़ प्रोग्रामों में बदल दिया तुम्हें कुछ बदलने की जरूरत नहीं तुम्हारा चुप रहना बेहतर है हमने तुम्हारे नौजवानों को भटका दिया एक दौर था तुम एक पाकीजा  उम्मत थे आज तुम जिल्लत की पस्तियों में उतर गए हमने महसूस किया तुम लोगों की जुबान अरबी है बहुत खूबसूरत जुबान है जिससे तुम कुरान पढ़ते हो अहले जन्नत की भी यही जुबान होगी तो हमने तुम्हारी जुबान को बे फायदा और फुज़ूल करार दिया और तुम लोगों ने फ़ौरन यकीन कर लिया फिर तुम दूसरी जुबानों पर फख्र करने लगे हाय हाय हेलो बगैरा और तुमने अपने दुआईया खूबसूरत कलिमात को  छोड़ कर उन्हीं का इस्तेमाल शुरू कर दिया और हम तुम्हें इसी तरह पसंद करते है और हमें यह भी पसंद नहीं आया तुम लोगों को मुत्तहिद देखें तो हमने तुम्हारी मस्जिदों को उड़ा दिया और इल्जाम तुम पर ही लगा दिया इससे तुम्हारे दरमियान बाहमी लड़ाईयां शुरू हो गई हमने तुम्हारे दीन का गहराई से मुताला किया और झूठे फतवों के जरिए तुम्हें तुम्हे राह से हटा दिया हमने तुम्हारे दरमियान फसाद और नफरत आग भड़काई जो तब तक नहीं बुझेगी जब तक के तुम सब को जलाकर राख ना करदे तुम्हारे घरवाले अब जदीद मशीनी ईजादात के जेरे साया परवरिश पाते हैं हमने तरह-तरह के कंप्यूटर मशीनें ईजाद की जिनमें खोकर कुरान को भूल गए अपने उलामा  को भूल गए मुसलमान साइंस दानों को भूल गए और उनके कारनामों को भूल गए तुम्हारी नई नस्ल ऐसी नस्ल है जो हक बात कहते हुए डरती है हम यहूदी कौ़म इस बात पर फक्र करते हैं के तादाद  में हम  थोड़े होने के बावजूद हमने तुम्हें बहुत आसानी से गोश्त के टुकड़ों के मानिंद खरीद लिया और तुम्हें इसका कोई मलाल नहीं तुम खुश और मस्त हो

नोट।जहां तक हो सके इस मेसेज को मुसलमानों की  बड़ी तादाद को भेजें कड़वी सही मगर बात हकीकत है

7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓

सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...