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Friday, 31 July 2020

ठेले पर आम बेचती इंदौर की डॉक्टर रईसा अंसारी हमारी व्यवस्था का वो सच हैं .

ठेले पर आम बेचती इंदौर की डॉक्टर रईसा अंसारी हमारी व्यवस्था का वो सच हैं जिसे जानते तो सब हैं लेकिन जिस पर बात कोई नहीं करना चाहता. फ़िज़िक्स में पीएचडी इस महिला पर आज सबको तरस आ रहा है. लेकिन मुझे उन पर तरस नहीं आ रहा, बल्कि गर्व हो रहा है. क्योंकि मैं जानती हूं रईसा को फल बेचते हुए शर्म नहीं आ रही है और ना ही उन्हें ये काम छोटा लग रहा है. बल्कि शर्म उस समाज और व्यवस्था को आनी चाहिए जो डॉ. रईसा अंसारी जैसी प्रतिभा को सड़क पर ला देता है. 

इंदौर की देवी अहल्या बाई यूनीवर्सिटी से फ़िज़िक्स में मास्टर और पीएचडी रईसा को बेल्जियम से रिसर्च करने का ऑफ़र मिला था. लेकिन उनके रिसर्च हेड ने उनके रिकमेंडेशन लेटर पर हस्ताक्षर नहीं करे. थीसिस सबमिट होने के दो साल बाद तक उनका वाइवा नहीं किया गया और फिर प्रशासनिक दख़ल के बाद उनका वाइवा हो सका. 

रईसा ने सीएसआईआर (काउंसिल ऑफ़ साइंटीफ़िक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) की फेलोशिप पर कोलकाता के आईआईएसईआर (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च) से रिसर्च की है. एक दस्तख़त की वजह से रईसा शोध करने के लिए बेल्जियम नहीं जा सकीं. 2011 में पीएचडी करने वाली रईसा को एक बार जूनियर रिसर्च के लिए अवार्ड मिला था. मीडिया उनका साक्षात्कार लेने उनके पास पहुंची. उनके गाइड का नाम पूछा लेकिन गाइड सामने नहीं आना चाह रहे थे. रईसा ने किसी और का नाम ले दिया. यही बात गाइड को चुभ गई. फिर आगे की कहानी आप जान ही चुके हैं. 

रईसा को एसोसिएट प्रोफ़ेसर की नौकरी भी मिल गई थी लेकिन पारिवारिक परिस्थितियों के कारण उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी. वो अब फल बेच रही हैं. एक पढ़ी लिखी फर्राटेदार अंग्रेज़ी बोलने वाली महिला को फल बेचते हुए देखकर बहुत से लोगों को अफ़सोस हो रहा है. मुझे भी कहीं न कहीं अफ़सोस हो रहा है. लेकिन इस बात का फ़क्र भी है कि एक महिला ने अपने सम्मान से समझौता नहीं किया. 

रईसा जैसी महिलाएं हार नहीं मानती हैं. वो मुश्किल चुनौतियों को अवसर में बदल देती हैं. रईसा को मौका मिलेगा और वो अपना मुकाम हासिल कर लेंगी. उनके रिकमेंडेशन लेटर पर साइन न करने वाला उनका गाइड कहीं न कहीं मन-मन में कुढ़ रहा होगा. सबकुछ होते हुए भी उसके पास कुछ नहीं होगा।

Poonam Kaushal ✍️

भारत देश के संविधान और जनता की आजादी को हिंदुरिजम से खतरा,और एजुकेशन क्षेत्रों मे हिंदूरिजम की साजिश .



भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है हमारी गंगा- जमनी तहजीब को कौन नहीं जानता पीछले कुछ सालों से देश में जो घटनायें घट रही है चाहे वह राजकीय स्तर पर हो या सामाजिक स्तर पर हो इससे तो यही लगता है कि क्या घर्मनिरपेक्षता अब सिर्फ संविधान की किताब में ही सिमित रह गई है आपको नहीं लगता कि हम अब धीरे-धीरे एक धर्म आधारित समाज की और बढ़ते जा रहे हैं !

                     एक आई पी एस अफसर जो पहले सी.बी.आइ डायरेक्टर के पद पर भी रह चुके हैं जिनका नाम एम.नागेश्र्वरम राव है उन्होंने ट्वीट किया है कि सन् 1947से1977तक जो शिक्षा मंत्री रहे उन्होंने जो इस्लामीक रुल है उस पर कलइ पोथ ने का काम किया है यानी व्हाइट वोश किया इन शिक्षामंत्रीओं ध्वारा भारतीय इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा गया, हिन्दुओं को उनके ज्ञान से दूर रखा गया,हिन्दु धर्म रुढ़िवादी है ऐसा दिखाया गया और हिन्दू धर्म को हिन्दुरीजम से अलग कर देना जैसे आरोप लगाये है अब इन का यह ट्वीट कीतना कम्युनल है इस का अंदाज आपको इस बात से लग जायेगा उन्होंने जो 30 साल का जिक्र किया है उनमें से 10 साल मौलाना आजाद और बाकी दो और मुस्लीम शिक्षामंत्री रहे और पीछे 10 साल जो शिक्षा मंत्री रहे उन्हें वामपंथी बताया गया है !
                          अब सोचिए हमारा देश कीस और अग्रसर हो रहा है यह इल्ज़ाम सीधे तौर पर एक ऐसी शख्सियत की तरफ इशारा करता है जिसका नाम है हमारे देश के प्रथम शिक्षामंत्री रहे मौलाना अबुल कलाम आजाद जो हमेशा हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक रहे हैं, मौलाना आजाद जो राष्ट्र निर्माता है भारत के चार पीलर महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू,बाबा साहेब आंबेडकर और मौलाना आजाद जिन्होंने आजाद भारत की नीव रखी मौलाना आजाद जिन्होंने आई आई टी,युटीसी,ललीत कला एकेडमी, साहित्य अकादमी जैसे बड़े संस्थान बनाये और यहां तक कि जिसने महाभारत और रामायण जैसे हिन्दू ग्रंथों को फारसी में लिखवाया ताकि भारत के बहार रहने वाले भी भारतीय संस्कृति को समझ सके ऐसी शख्सियत को साम्प्रदायिक बताया जाना उचित है !

                         एक सर्वे अफसर जो की सर्विस रुल पर चलता है जिस की भारतीय संविधान को स्थापित करने की जिम्मेदारी बनती हैं ऐसा अफसर क्या इस कदर कोमवादी सोच रख सकता है ऐसे लोग बदनुमा धब्बा है लोकतंत्र पर लोग इस नौकरीयों में देश की सेवा के लिए आते हैं यहां अब सवाल यह भी उठता है कि क्या अब आईएएस आईपीएस अधिकारियों को भी इसी तरह तैयार तो नहीं कीया जा रहा और हां तो फिर हमारा लोकतंत्र,हमारा संविधान सिर्फ किताबों में किस्सा बनकर रह जायेगा दुसरा यह की क्या नागेश्र्वरम जैसे कोमवादी और निम्न कक्षा की मानसिकता वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी क्या उन्हें सस्पेंड कीया जायेगा यह सवाल भी अपने आप मे कही सवाल पैदा करता है !

सचेत रहे सुरक्षित रहे अपने एवम अपने परिवार के साथ आने वाली नश्लो को इतिहास का सही ज्ञान प्रदान करे ताकी मानसिक रुपसे आजाद होने में कामयाब हो..!!

                अमीर मलेक...!!
           गुजरात  खंभात तहसील 
            राष्ट्रीय मुस्लिम महासभा

कोरोना मे लोकडाउन के महाकाल मे भारत की एक येभी तस्वीर हे.

कल्पना कीजिए उस देश की, जहाँ दुनिया की सबसे ऊँची मूर्ति होगी, जगमगाता हुआ भव्य राम मंदिर होगा, सरयू में देशी घी के छह लाख दीयों की अभूतपूर्व शोभायमान महा आरती हो रही होगी। सड़कों, गलियों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर जुगाली और चिंतन में संलग्न गौवंश आराम फरमा रहा होगा। धर्म उल्लू की तरह हर आदमी के सर पर बैठा होगा !

लेकिन, अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं होगी, दवाइयां, बेड, इन्जेक्शन नहीं होंगे। दुधमुंहे बच्चे बे-सांस दम तोड़ रहे होंगे। मरीज दर-ब-दर भटक रहे होंगे। देश में ढंग के स्कूल-कॉलेज नहीं होंगे, बच्चे कामकाज की तलाश में गलियों में भटक रहे होंगे। कोविड-19 जैसी महामारियां देश पर ताला लगा रही होगी और देश का प्रवासी मजदूर भूखे-प्यासे सैकड़ों मील की पैदल यात्रा कर रहे होंगे, आम जनता घुट-घुट कर जी रहे होंगे और तिल-तिल कर मर रहे होंगे !

बेटियां  स्कूलों, कॉलेजों, मेडिकल, इंजीनियरिंग संस्थाओं में न होकर सिर्फ़ सड़कों पर दौड़ रहे ट्रकों के पीछे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारों में ही होंगी और न्याय एक महँगा विलासिता की चीज होगा। बेटियों, महिलाओं के हत्यारों, बलात्कारियों और दूसरे जघन्यतम अपराधियों को पुलिस बल गार्ड-ऑफ़-ऑनर पेश कर रहे होंगे। अलग-अलग वेषभूषा में मुनाफ़ाखोर और अपराधी-प्रवृत्ति के लोग देश के सम्मानित और गणमान्य नागरिक होंगे और मीडिया उनका जय-जयकार कर रही होगी !

 विश्व स्तर के उत्कृष्ट शिक्षा संस्थान नहीं होंगे,अस्पताल नहीं होंगे, बेहतरीन किस्म के शोध संस्थान और प्रयोगशालाएं भी नहीं होंगी. भूख और बेरोजगारी से जूझती जनता के लिए चूरन होंगे, अवलेह और आसव होंगे, सांस रोकने-छोड़ने के करतब होंगे, अनुलोम-विलोम होगा, काढ़े होंगे और इन सबसे ऊपर, कोई तपस्वी उद्योगपति होगा, जो धर्म, अध्यात्म, तप-त्याग, और दर्शन की पुड़ियाओं में भस्म-भभूत और आरोग्य के ईश्वरीय वरदान लपेट रहा होगा।

सुव्यवस्थित और गौरवशाली राष्ट्रीयकृत बैंक भी नहीं होंगे, बीमा कंपनियां नही होंगी। महारत्न और नवरत्न कहे जाने वाले सार्वजनिक उपक्रम नही होंगे। अपनी-सी लगती वह रेल भी गरीबों की पहुँच से दूर होगी !

देश एक ऐसी दुकान में बदल चुका होगा, जिसकी शक्ल-सूरत किसी मंदिर जैसी होगी। देश ऐसा बदल चुका होगा जहाँ युवकों के लिए रथयात्राएं, शिलान्यासें और जगराते होंगे। गौ-रक्षा दल होंगे, और गौरव-यात्राएं होंगी। मुंह में गुटके की ढेर सारी पीक सहेजे बोलने और चीखने का अभ्यास साधे सैकड़ों-हजारों किशोर-युवा होंगे, जो कांवर लेकर आ रहे होंगे या जा रहे होंगे, या किसी नए मंदिर के काम आ रहे होंगे और खाली वक्त में जियो के सिम की बदौलत पुलिया में बैठे IT Cell द्वारा ठेले गए स्रोत से अपना ज्ञान बढ़ा रहे होंगे !

शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक-सामाजिक उन्नति के हिसाब से हम 1940-50 के दौर में विचर रहे होंगे। तर्क, औचित्य, विवेक से शून्य होकर पड़ोसी की जाति, गोत्र जानकर किलस रहे होंगे अथवा हुलस रहे होंगे। हम भूखों मर रहे होंगे परंतु अपने हिसाब से विश्वगुरु होंगे । हमारा आर्थिक विकास इतना सुविचारित होगा कि दुनिया का सस्ता डीजल, पेट्रोल हमारे यहां सबसे महंगा होगा। कोविड-19 जैसे महामारी के दौर में भी हम मास्क, सैनेटाइज़र और किट पर जीएसटी वसूल रहे होंगे !

हमारी ताक़त का ये आलम होगा कि कोई कहीं भी हमारी सीमा में नहीं घुसा होगा, फिर भी हमारे बीस-तीस सैनिक बिना किसी युद्ध के वीरगति को प्राप्त हो रहे होंगे। दुश्मन सरहद पर खड़ा होगा और हम टैंकों को जे.एन.यू. सरीखे विश्वविद्यालयों में खड़े कर रहे होंगे !

कोई खास मुश्किल नहीं है। बस थोड़ा अभ्यास करना होगा, उल्टे चलने और हमेशा अतीत की जुगाली करने और मिथकों में जीने की आदत डालनी होगी। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी, रोजगार, न्याय, समानता और लोकतंत्र जैसे राष्ट्रद्रोही विषयों को जेहन से जबरन झटक देना होगा। अखंड विश्वास करना होगा कि धर्म, संस्कृति, मंदिर, आरती, जागरण-जगराते, गाय-गोबर, और मूर्तियां ही विकास हैं। बाकी सब भ्रम है। यकीन मानिए शुरू में भले अटपटा लगे, पर यह चेतना बाद में बहुत आनंद देगी !

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मुसलमान अपने अन्दर 8 बदलाव लाएं.

मुसलमान अपने अन्दर 8 बदलाव लाएं:-
मुसलमानों को अब कुछ बदलाव करना ही पड़ेंगे, सामूहिक तौर से:-

1. मस्जिदों को सभी के लिए आम करदे, जो बंदा आना चाहे आये, जिसे दुआ मांगना हो ख़ुदा से मांगे। सभी मज़हब के लोगों के आने का इंतज़ाम हो। उन्हें जो सवाल पूछना हो इस्लाम या ख़ुदा या रसूल के बारे में उनके जवाब भी कोई समझदार इंसान दे।

2. मस्जिदों को बस नमाज़ पढ़ने की ही जगह न बनाये। वहाँ ग़रीबो के खाने का इंतज़ाम हो, डिप्रेशन में उलझे लोगो की कॉउन्सेल्लिंग हो, उनके पारिवारिक मसलो को सुलझाने का इंतेज़ाम हो, मदद मांगने वालो की मदद की जाने का इंतेज़ाम हो। जब दरगाहों पर लंगर चल सकता हैं तो मस्जिदों में क्यों नहीं, और दान करने में मुस्लिमो का कहा कोई मुकाबला है, हम आगे आएंगे तो सब बदलेगा।

3.मस्जिदों में अगर कोई दूसरे मज़हब के भाई बहन आये तो उनके स्वागत या इस्तक़बाल का इंतज़ाम हो।उन्हें बिना खाना खिलाये हरगिज़ न भेजें।

4.मस्जिदों में एक शानदार लाइब्रेरी हो। जहाँ पर इस्लाम की हर किताब के साथ-साथ दूसरे मज़हब की किताबें भी पढ़ने को उपलब्ध हो। ई-लाइब्रेरी भी ज़रूर हो। बहुत होगये मार्बल, झूमर, ऐ.सी. और कालीनों पर खर्च अब उसे बंद करके कुछ सही जगह पैसा लगाये।

5.समाज या कौम के पढ़े लिखे लोगो का इस्तेमाल करे। डॉक्टरों से फ्री इलाज़ के लिए कहे मस्ज़िद में ही कही कोई जगह देकर, वकील, काउंसलर, टीचर आदि को भी मस्जिद में अपना वक्त देने को बोले और यह सुविधा हर धर्म वाले के लिए बिलकुल मुफ्त हो।इसके लिए लगभग सभी लोग तैयार होजाएंगे, जब दुनिया के सबसे बड़े और सबसे व्यस्त सर्जन डॉ मुहम्मद सुलेमान भी मुफ्त कंसल्टेशन के लिए तैयार रहते हैं, तो आम डॉ या काउंसलर क्यों नही होंगे? ज़रूरत है बस उन्हें मैनेज करने की।

6.इमाम की तनख्वाह ज्यादा रखे ताकि टैलेंटेड लोग आये और समाज को दिशा दें।

7.मदरसों से छोटे छोटे कोर्स भी शुरू करें कुछ कॉररेस्पोंडेंसे से भी हो। किसी अन्य धर्म का व्यक्ति भी आकर कुछ पढ़ना चाहे तो उसका भी इंतेज़ाम हो।

8.ट्रस्ट के शानदार हॉस्पिटल और स्कूल खोले जहाँ सभी को ईमानदारी और बेहतरीन किस्म का इलाज़ और पढ़ने का मौका मिले, बहुत रियायती दर पर। यह भी हर मज़हब वालो के लिये हो, बिलकुल बराबर।

इनमे से एक भी सुझाव नया नहीं है, सभी काम 1400 साल पहले मदीना में होते थे...हमने उनको छोड़ा और हम बर्बादी की तरफ बढ़ते चले गए... और जा रहे हैं।रुके, सोचे और फैसला ले।
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Thursday, 30 July 2020

अगर उम्मते मुस्लमान का सियासी शुउर (बुलंदी) अगर बैदार नही कया गया जानते हो उस मुल्क मे क्या होगा?


SAFTEAM GUJ.
30 JUL 2020
अगर उम्मते मुसलमान का सियासी शुउर (बुलंद) बैदार (जगाया) नही कया गया जानते हो उस मुल्क मे क्या होगा?

अगर कौमको पंचवक्त नमाज नही बल्के सौ फिसत तहुज्जुद गुजार बना दिया जाये, लेकीन उसके सियासी शुउर को बैदार (जागृत) ना किया जाये, उस मुलक के अहवाल से उनको वाकिफ (मुसलमानो को) ना किया जाये, तो मुन्किन हे, आंइदा (भविष्य) तहुज्जुद तो दूर मगर पांच वक्त की नमाज परभी पाबंदी आइड हो जाये. 

मुफिक्कीरे इस्लाम मोलाना सैयद अबुल हशन नदवी.

हमारी ही सफोमे शामिल है अंधेरा होते ही चराग बुजाकर खेमे बदलने वाले लोग..!

जिन चरागोंने रौशनी बाटने की कसम खाई थी कभी आज वहीं आग लगाए हुए हैं..!
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                  शकील संधी..!

मौजूदा दौर में मुस्लिम समुदाय के लिए सबसे महत्वपूर्ण निर्णय यह लेना चाहिए की समुदाय की दशा एवम दिशा कैसे बदली जा सकती है लोगो की मदद करते हुए जीवन कैसे जीना चाहिए समय की मांग के अनुशार जीवन को जिंदा लाश नही जीवंत बनाए जीवन जीने के तरीके एवम सलीके का अभाव दूर करने के लिए स्वभाव बदले समुदाय के पूंजीपति भी समुदायकी फिक्र करे माना की आप की नजर में पैसा बहुत मायने रखता होगा पर जीवन का सत्य यहभी है की पैसा सबकुछ तो नही है.

               समुदायकी आज जो दुर्दशा है उसके लिए जिम्मेदार  हम खुद ही है दुशरो को दोष देनेशे क्या फायदा जब हम खुद दुशरो की छांव में खडे रहना चाहते हो आज तक हमने कभी यह सोचा की हमे आर्थिक उन्नति कैसे करनी चाहिए हमारा समाज शिक्षित कैसे होगा आगे तरक्की के लिए समयकी मांग को लेकर कौनसे अवसर युवाओंको मुहैया कराने चाहिए इन सब कार्य के लिए स्कूल कॉलेज एवम यूनिवर्सिटी बनाना आवश्यक होता है.

       समुदायकी सच्चाई यह है की हम जब भी कहीभी जमा हुए है बस खाने के लिए ही जमा हुए हैं मतलब जिस्म की गीजा के लिए प्लानिंग पर रूह की गीजा का कोई प्लानिंग नही नाही समाजको इसके लिए प्रेरित करना क्योकि समाज के युवा शिक्षित होंगे तब हमारी चैरिटी के काले चिठ्ठों का हिशाब मांगेगेना इस लिए भोली भाली कॉम को भावनात्मक अफीन पिला कर सुलाया जा रहा है !

      आज हमारे समुदाय के हालात यह है की हम खुदको टूटने से नही बचा पा रहे हैं हम अभी भी फिरको में इस तरह बटे हुए है इसी कारण हम बैकफुट पर दिखाई दे रहे हैं गुजरात में अपनी कयादत को मजबूत बनाकर एक मुकम्मल सामाजिक कायद होना समयकी मांग है जिससे समुदायमे राजनैतिक आर्थिक एवम सामाजिक बदलाव को आसानीसे किया जा शके क्या कभी मुस्लिम समुदायमें आर्थिक विकास के साथ साथ सामाजिक बदलाव के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम कभी चलाए गए है अगर किसी के पास जानकारी होतो मुजे साजा कराए अब हमें सबसे पहले समुदाय के बीच जाकर फिरका परस्ती नाबूद करने के लिए एक प्रॉपर प्लानिंग के साथ जमीनी स्तर पर कार्य करने होंगे पूरे समुदायको सामाजिक तौर पर संगठित करना होगा आपसी भेदभाव मिटाने के लिए प्रयास किए जाए उसके बाद हमारा मिशन मुफ्त शिक्षा मुफ्त चिकित्सा हमारे समुदाय से सुरु करना चाहिए आपसी रंजिशें हो सकती है यह मसला घर घर का है कोई नई बात नहीं है इसको अपनी इबादत गाहों एवम घर तक सीमित रखना समय की मांग है आने वाली नश्लो के बहेतर भविष्य के लिए एक प्लेटफार्म बनाना समय की मांग है वर्ना अल्लामा ईकबाल साहब ने जो आजसे नब्वे साल पहले जो बात कही थी वो याद कीजिए "न संभलोगे तो मिट जाओगे ए हिंद के मुसलमानो दास्ता तक न रहेगी तुम्हारी दास्तानो में" उपरोक्त विषय पर विस्तार से विचार विमस कीजिए और युवा पीढी निस्वार्थ भाव से सामाजिक व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए आगे बढे ताकी स्वार्थी लालची एवम मक्कारी वाली लिडर सीप पर कुछ हद तक प्रेसर बने मौजूद हालात को देखते हुए हर जगह समुदयकी लिडर सिप की एक ही थियरी है "टके सेर भाजी टके सेर खाजा" ज्यादा तर बेईमान एवम मक्कार लीडरशिप ने अपनी मनमानी करते हुए जो नुकशान समुदाय को एवम इस्लाम को पहोचाया है उसकी मिसाल देना भी मुश्किल काम है.

आज बडे अफसोस के साथ कहना पड रहा है की आज हम वो सउर खो चुके हैं जो हमारे अगलोमें था परशो के दिन ईदुल अजहा है उस दिन भी हमारा मकसद तो सिर्फ यही रहेगा की जानवर की गर्दन पर छुरी चलाना यानी कुर्बानी करना बस क्या इससे हमारा रब राजी हो जाएगा क्या यहदिन सिर्फ हलाल जानवरो की गर्दन पर छुरी चलाने लिए ही मुकर्रर किया गया है सायद मेरी बात से चुभन भी मैसूस हो सकती है माफ करना ख्वाहिशो को कुर्बान करना भी कुर्बानी है हम कब तक सिर्फ और सिर्फ अपने जिस्म को मजबूत बनाने के चक्करमे रूह को कमजोर करनेवाले बन कर रहेगे क्या ? अब मौजूदा हालात को देखते हुए इस्लामकी बुनियादी बातों पर अमल करते हुए हमें अपनी बीमार रूहों का ईलाज करने की जरूरत नहीं है....!!


Monday, 27 July 2020

Corona kal

24 Jul 2020 

દુનિયાભરમાં ભારતના લગભગ 2,81,98,352 લોકો છે. જે પાસપોર્ટ સાથે દુનિયાના અલગ અલગ દેશોમાં રહે છે.

યુનાઇટેડ અમિરાતમાં 34લાખ;
સાઉદી અરેબિયામાં 25,94,947;
કુવૈતમાં   10,29,861; 
ઓમાનમાં 7,81,141; 
કતારમાં  7,45,775;
બેહરીનમાં 3,26,658;
કુલ મળીને 89,03,526 ભારતીય લોકો અરબ વર્લ્ડમાં કામ કરે છે.

અમેરિકામાં રહેતા લોકોની સંખ્યા સાડા ચાર લાખ છે.
બ્રિટનમાં લગભગ 17,64,000
સિંગાપોરમાં 6,50,000
મલેશિયામાં 2,27,950
ઈટાલીમાં 2,03,000
જર્મનીમાં 1,85,000
ફિલિપિન્સમાં1,20,000  ભારતીય લોકો રહે છે.

2018 ના યુનાઈટેડ માઇગ્રેશન રિપોર્ટ મુજબ;
689બિલિયન ડોલર માત્ર માઇગ્રન કમાતા હતા.
તેમા સૌથી વધુ ભારતીય કમાતા હતા જે લગભગ 1.6 બિલિયન ડોલર જેટલું.

2020 ના રિપોર્ટ મુજબ,
પાછલાં વર્ષે દુનિયાના તમામ માઇગ્રેન વર્કરની લગભગ 714 બિલિયન ડોલરની કમાણી હતી.
જે ઘટીને 572 બિલિયન ડોલર થઈ ગઈ.

અમેરિકમાં 2020 માં 370લાખ નોકરીઓ જતી રહેશે. તેના વિવિધ ફિલ્ડમાં કામ કરતાં લોકોની સંખ્યા આ મુજબ છે:
ક્લોથિંગ એન્ડ રિટલ સેક્ટરમાં 65લાખ વર્કર 
સપોર્ટ એન્ડ એકૉમેડેશન સર્વિસમાં 58લાખ
ઓટોમોબાઇલ સર્વિસમાં 44લાખ
એજ્યુકેશન ફિલ્ડમાં 37લાખ
ટ્રાવેલ ફિલ્ડમાં 32લાખ
મેમ્બરશીપ એસોસિયેશન એન્ડ ઓર્ગેનાઇઝેશનમા 30લાખ
સ્પોર્ટ્સ એન્ડ એન્ટરટેઇનમેન્ટશિપમાં 20લાખ
રિયલ સ્ટેટમાં 14લાખ જેટલા વર્કર્સ કામ કરતા હતા.જેમા સૌથી વધુ ભારતીય છે.

બાંગ્લાદેશમાં લગભગ 10000 ભારતીયો કામ કરે છે.

Sunday, 26 July 2020

Gujarat Bharuch In Covid Center

ભરૂચ જિલ્લાની સ્પેશિયલ કોવિડ હોસ્પિટલોમાં તા. 26 જુલાઈ 2020 ના રોજ કેટલા બેડ છે?....

તેમાં કેટલા દર્દી સારવાર લઈ રહ્યા છે અને કેટલા બેડ ખાલી છે તેની આરોગ્ય વિભાગ દ્વારા રજૂ કરાયેલી સ્થિતિ : 

1) Jayaben Modi Hospital Ankleshwar 
Total Beds: 100
Total admitted: 60
2) Al Mahmood hospital Jambusar: 
Total Beds: 70
Total admitted: 38
3) Sewashram Hospital Bharuch 
Total Beds: 64
Total admitted: 16
4) Patel Welfare Hospital Bharuch 
Total Beds: 64
Total admitted: 25
5) Civil Hospital Bharuch 
Total Beds: 64
Total admitted: 33
6) CHC Gadkhol 
Total Beds: 40
Total admitted: 18
7) CHC Avidha: 
Total Beds: 49
Total admitted: 0
8) CHC Amod
Total Beds: 10
Total admitted: 03

तुर्की सदर एर्दोगान के कारनामे का इतिहास परहे.

1- सन2013 में तुर्की की कुल मुल्कि पैदावार एक ट्रिलियन,100 मिलियन डॉलर थी,जोकि ईरान, सऊदी अरब,और यू ए ई की मजमूई पैदावार के बराबर है। उर्दुन,शाम,लेबनान जैसे मुल्कों का तो शुमार ही नहीं है।

2- एर्दोगान ने सालाना तक़रीबन 10 पॉइंट्स के हिसाब से अपने मुल्क की मईशत को 111 no से बढ़ाकर 16 no पर पुहंचा दिया,जिसका मतलब है तुर्की दुनियाँ की 20 बड़ी ताक़तों(G20) के क्लब में शामिल हो गया।

3- एर्दोगान ने तुर्की को दुनियाँ की मज़बूत तरीन इक़्तेसादी और सियासी क़ुव्वत बनाने के लिए सन 2023 का हदफ़ तै किया है-अब देखना ये है कि क्या तुर्की इस हदफ़ में कामयाब होता है-?ये तो आने वाला वक़्त बताएगा।

4- इस्तमबोल(तुर्की) एयरपोर्ट, दुनियाँ का सबसे बड़ा एयरपोर्ट माना जाता है, रोज़ाना तक़रीबन 1260 फ्लाइट्स आती हैं और मुक़ामी एयरपोर्ट की 630 फ्लाइट्स इसके अलावा आती हैं।

5- तुर्की एयर लाइन, मुसल्सल कई साल से दुनियाँ की बहतरीन फ़िज़ाई सर्विस होने का ऐअज़ाज़ हासिल कर रही है।

6- पिछले 10 सालों में तुर्की ने जंगलात और फलदार दरख़्तों की शक्ल में 2 बिलियन 770 मिलियन  दरख़्त लगाए हैं।

7- एर्दोगान की इस दौरे हुकूमत में तुर्की ने पहला बख्तरबंद टैंक, पहला ऐरक्राफ्ट,और पहला सेटेलाइट बनाया है,ये सैटेलाइट अक्सरी और बहुत से दीगर उमूर सरअंजाम देने की सलाहियत रखता है।

8- एर्दोगान ने पिछले 10 सालों के दौरान 125 नई यूनिवर्सिटियां 189 स्कूल(विथ इस्लामिक एजुकेशन), 510 नए अस्पताल और 1लाख 70हज़ार नई क्लासेज़ बनवाईं ताकि हर क्लास में स्टूडेंट की तादाद 21 से ज़्यादा न हो।

9- गुज़िश्ता हालात में जब अमेरिका, योरोप की यूनिवर्सिटीयों ने भी अपनी फीसें बढ़ा दीं थीं,इन दिनों एर्दोगान ने हुक्मनामा जारी किया कि तमाम यूनिवर्सिटी और कॉलेज में तालीम मुफ्त दी जाएगी और प्राइवेट संस्थानों को हुकूमत खर्चा देगी।

10-  2013 से 10 साल पहले तुर्की की फी फर्द आमदन 3500 डॉलर सालाना थी जो बढ़कर 2013 तक 11000 डॉलर सालाना तक पोहोंच गई थी,अब तक और बढ़ गई होगी,ये फ्रांस की फी फर्द आमदन से भी ज़्यादा है।ईस दौरान तुर्की की करंसी की कीमत में 30 गुना इज़ाफ़ा हुआ।

11- एर्दोगान की भरपूर कोशिश है कि सन 2023 तक इल्मी तहक़ीक़ात के लिए 3 लाख स्कॉलर्ज़ तैयार किये जायें।

12- एर्दोगान की अहम सियासी कामयाबियों में एक कामयाबी ये भी शामिल है कि उन्होंने क़बरस के दोनों हिस्सों में अमन क़ायम किया और कूर्द कारकुनों के सांथ बराबरी की सतह पर मुज़ाक़रात के ज़रिए खून खराबे को रोका,आर्मेनिया के सांथ मसाइल को सुलझाया, ये वो मसले थे जिनकी फाइलें गुज़िश्ता 90 सालों से रुकी हुई थीं।

13- एर्दोगान हुकूमत में तन्खाहों और उज्रतों में 300 फीसद तक का इज़ाफा हुआ है,मज़दूर की मज़दूरी 340 लैरह से बढ़कर 957 लैरह हो गई है।काम की तलाश में फिरने वालों की शरह 38 फीसद से घटकर 2 फीसद पर आगई है।

14- एर्दोगान हुकूमत में तालीम (education) और सेहत (health) का बजट,दिफ़ाअ के बजट से ज़्यादा है, यहां उस्ताद की तनखा डॉक्टर के बराबर है।
15- एर्दोगान के तुर्की में 35 हज़ार टेक्नोलॉजी लैब बनाई गई हैं जहां नोजवान तुर्क तरबियत हासिल करते हैं।

16- एर्दोगान ने अपनी हुकूमत के दौरान 47 अरब का बजट ख़सारा पूरा किया और इसके सांथ सांथ गुज़िश्ता जून में बदनाम ज़माना वर्ल्ड बैंक के क़र्ज़े की 300 मिलियन डॉलर की आख़री किस्त अदा करदी,अल्हम्दुलिल्लाह। सिर्फ यही नहीं तुर्की ने वर्ल्ड बैंक को 5 अरब डॉलर क़र्ज़ा दिया और मुल्क के खजाने में 100 अरब डॉलर ईज़ाफा किया। जबकि इस दौरान बड़े बड़े यूरोपीय मुमालिक और अमेरिका जैसा मुल्क भी कर्ज़ों,सूद और अफलास कि वादी में हैरान ओ सरर्गदां हैं।

17- दस साल पहले तुर्की की बर-आमदात 23 अरब डॉलर थी- अब 153 अरब डॉलर है,जो कि दुनियाँ के 190 मुमालिक में पोहोंचती हैं, इनमें पहले no पर गाड़ियां और दूसरे no पर इलेक्ट्रॉनिक सामान आता है- योरोप में बिकने वाली इलेक्ट्रॉनिक अश्या'अ   में हर 3 में से 1 तुर्की की बनी होती है।

18- एर्दोगान हुकूमत ने तवानाई और बिजली की पैदावार के लिए कूड़े की रिसायकिलिंग का तरीक़ा इख़्तेयार किया है,इससे तुर्की की एक तिहाई आबादी फायदा उठा रही है,तुर्की के शहरी और देहाती इलाक़ों में 98 फीसद घरों में बिजली पहुंच चुकी है।

19- एर्दोगान ने एक tv प्रोग्राम में एक बच्चे के सांथ मुबाहिसे में शिरकत की जिस में तुर्की के मुस्तक़बिल के बारे में गुफ़्तुगू हुई,इस बच्चे की उम्र 12 साल थी-इस प्रोग्राम में एर्दोगान ने बच्चे की भरपूर हौसला अफज़ाई की- अपने इस अमल से एर्दोगान ने तुर्क बच्चों को मुबाहिसा और गुफतुगू की एक बेहतरीन मिसाल पेश की,इससे इन बच्चों के मुस्तक़बिल का अंदाज़ा लगाया ज सकता है।
 20- अरब सेक्युलर्ज़ की जानिब से इज़राइल के सांथ तुर्की की दोस्ती का जो शोशा छोड़ा जाता है उसका आलम ये है कि ग़ाज़ा(फिलस्तीन) जाने वाले जहाज़(मावऐ मर्मरह) पर जब इजराइलियों ने हमला किया तो तुर्की ने इज़राइलीयों को भरपूर तमांचा रसीद किया,और न सिर्फ उसे मुआफी मांगने पर मजबूर किया बल्कि ग़ाज़ा से मुहासरह ख़त्म करने की शराइत भी आईद की। 2009 में होने वाली दाफूस इक़्तेसादी कॉन्फ्रेंस में जब इज़राइली सदर ने ग़ाज़ा पर हमले का जवाज़ पेश किया और लोगों ने इस पर तालियां बजाईं तो एर्दोगान ने तालियां बजाने वालों पर शदीद तनक़ीद की,खूब खरी खोटी सुनाई और ये कहकर उठकर आगये की ""तुम्हें शर्म आना चाहिए कि इस बेहूदा बात पर तालियां बजाते हो,  जबकि इज़राइल ने हज़ारों बेक़सूर बच्चों, औरतों और नोजवानों की जानें ली हैं""।

 21- एर्दोगान ने अपने मुखाल्फीन का सामना वाटर केनन से किया, उनपर मिग तैयारों और स्कड मिज़ाइलों से हमला नहीं किया।

22- एर्दोगान ने अपनी बेटी के सर से हिजाब उतारने से इनकार किया और तालीम के हुसूल के लिए उसे योरोप भेजा,ये उस वक़्त की बात है जब तुर्की की यूनिवर्सिटीज़ में हिजाब पर पाबंदी थी।

23- एर्दोगान वह वाहिद मुस्लिम लीडर हैं जिसने अपनी अहलिया के सांथ बर्मा का दौरा किया ओर मियनमार के मज़लूम मुसलमानों से मुलाक़ातें की,उनकी मदद की, और उनपर हुए ज़ुल्म के खिलाफ आवाज़ उठाई।

24-  90 सालों से सेक्युलर दौरे हुकूमत के बाद एर्दोगान ने तुर्की की यूनिवर्सिटियां में क़ुरआन और हदीस की तालीम दोबारह शुरू करवाई। और अदालतों, यूनिवर्सिटीज़, में हिजाब पहनने की आज़ादी दी।

 25- एर्दोगान ने बहर-असवद के किनारे सबसे बड़े मुअल्लक़ पुल पर    بسم اللہ الرحمن الرحیم के हरूफ पर मुश्तमिल लाइटिंग करवाई, जबकि एक अरब मुल्क ने दुनियाँ का सबसे बड़ा क्रिसमस ट्री बनवाया जिसपर 40 मिलीयन डॉलर लागत आई।

26- एर्दोगान,तुर्की के निसाब (कोर्स) में उस्मानी रसमुल-ख़त को वापिस ला रहे हैं,जो दर हक़ीक़त अरबी रसमुल-ख़त है।

27- एर्दोगान ने 7-8 साल की उम्र के लगभग 10,000 बच्चों  के एक जुलूस का एहतेमाम किया जो इस्तांम्बोल कि सड़कों पर ये ऐलान कर रहे थे, की वह 7 साल के हो चुके हैं और अब वह नमाज़ की पावंदी और क़ुरआन का हिफ़्ज़ शुरू करेंगे।

ऐसे कई कारनामें हैं इस मर्दे मुजाहिद एर्दोगान के,अल्लाह इन्हें लंबी और सेहत वाली ज़िन्दगी दे और इनके नेक मक़सद को कामयाबी अता करे।
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Gujrat में मणिनगर Swami Narayan temple के आचार्य पुरुषोत्तम प्रियदास स्वामी (PP स्वामी) के CORONA से निधन के बाद गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार हुवा.

गुजरात के स्वामी नारायण की कोरोना से मौत को कैसे छुपाया गया? परहे
गुजरात 16 jul 2020 
स्वामी नारायण मंदिर के आचार्य की कोरोना से मौत
गुजरात: स्वामी नारायण मंदिर के आचार्य की कोरोना से मौत, मंदिर में ही हुआ अंतिम संस्कार
Gujrat में मणिनगर Swami Narayan temple के आचार्य पुरुषोत्तम प्रियदास स्वामी (PP स्वामी) के CORONA से निधन के बाद गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. हालांकि इस दौरान सामाजिक दूरी के नियमों का वैसा पालन नहीं किया गया, जैसे इसके नियम बनाए गए हैं.

PP स्वामी की मौत corona की वजह से हुई लेकिन उनका अंतिम संस्कार temple के अंदर किया गया. यही नहीं, मंदिर में उनकी पालकी यात्रा भी निकाली गई. हालांकि temple में सभी लोगों ने PPE किट पहन रखी थी. लेकिन अंतिम संस्कार के दौरान corona के नियम टूटते नजर आए.
पीपी स्वामी के निधन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने एक tweet में लिखा कि आचार्य श्री पुरुषोत्तम प्रियदासजी स्वामीश्री महाराज जी के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ. एक श्रद्धेय संत, जिन्होंने लाखों जीवन को धन्य और प्रबुद्ध किया. उनकी दिव्य शिक्षाओं और समाज के कल्याण के लिए निस्वार्थ योगदान की कोई समानता नहीं है.

बता दें, PP Swami का निधन कोरोना के कारण हो गया. गुजरात में कोरोना का संक्रमण तेज है और दिनों दिन इस बीमारी के मरीज बढ़ते जा रहे हैं. प्रदेश में कुल मरीजों का आंकड़ा 44 हजार 552 पहुंच गया है, जिसमें 2079 लोगों की मौत हो चुकी है. अब तक 31 हजार 286 लोग ठीक हो चुके हैं. प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या 11 हजार से अधिक है.

Saturday, 25 July 2020

बीजेपी ने कांग्रेस से कब और कैसे 'झटका' मंदिर और हिंदुत्व का मुद्दा?


          जानकार बताते हैं कि कैसे 1984 से 1990 के बीच बीजेपी ने कांग्रेस से मंदिर और हिंदुत्व का मसला हाइजैक किया और इसे राजनीतिक रूप दे दिया.
         विवादित  स्थल में 23 दिसंबर 1949 को जब रामलला की मूर्तियां रखी गईं उस वक्त कांग्रेस सरकार थी.
         एक फरवरी 1986 को एक अहम फैसले के तहत स्थानीय कोर्ट ने विवादित स्थल पर हिंदुओं को पूजा की इजाजत दे दी और ताले दोबारा खोले गए तब कांग्रेस सत्ता में थी.
जब 9 नवंबर 1989 को विवादित स्थल के पास ही राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास हुआ तब राजीव गांधी की सरकार थी.

राम मंदिर की आधारशिला रखे जाने के बाद राजीव गांधी ने अयोध्या से ही अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की और देश में ‘रामराज्य’ लाने का वादा किया.

इसके बावजूद हिंदुत्व और राम मंदिर का मुद्दा कांग्रेस के हाथ से बीजेपी ने कैसे छीन लिया? यह एक दिलचस्प सवाल है जिसका जवाब भी उतना दिलचस्प है.

पीछे मुड़कर देखें तो बीजेपी से पहले कांग्रेस का ही एक धड़ा हिंदुत्व का बड़ा समर्थक था. अयोध्या में रह रहे वरिष्ठ पत्रकार शीतला सिंह के मुताबिक 1984 के आसपास राम मंदिर के साथ हिंदुत्व का मुद्दा कांग्रेस से बीजेपी ने छीनना शुरू किया.
 
 https://hindi.news18.com/news/nation/ram-mandir-issue-in-supreme-court-when-bjp-hijack-ram-temple-and-hindutva-issue-from-congress-ayodhya-dlop-1640576.html

एपीजे अब्दुल कलाम प्रेरणादायक संघर्ष.

 असफलता केवल यह सिद्ध करती हैं की प्रयत्न पूरे मन से नहीं किया। 
आज बहुत से युवा किसी इम्तेहान या इंटरव्यू या किसी भी काम में जब असफल होते हैं तो वह हिम्मत हार जाते हैं और उसके बाद आगे प्रयास ही नहीं करते इस कदर हतास हो जाते हैं जैसे उन्हों ने सब कुछ गुमा दिया है मगरदर हकीकत असफलता ही सफलता की सीढ़ी है.

हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन डॉ कलाम साहब पायलट बनना चाहते जब वह इंटरव्यू के लिए गए तो उनके साथ आठ और भी थे सब पास हो गए और एक मात्र कलाम साहब फैल हुए इस बात से उन्हें अफसोस जरूर हुआ मगर उन्हों ने कभी हिम्मत नहीं हारी और वे साहस के साथ आगे बढ़ते रहे और भारत के राष्ट्रपति पद तक का सफर तय किया जब वह एक बार एयर फोर्स की मुलाक़ात के लिए गए और जब हज़ारों पायलट उन्हें सलामी देने लगे तब उन्होंने मन ही मन में ये खयाल किया होगा की उस दिन अगर में पायलट बन जाता या हताश होकर बैठ गया होता तो शायद आज का दिन देखना नसीब ना होता.

दोस्तों ज़िन्दगी में कितनी भी कठिनाइयां आये, मुश्किलों का सामना करना पड़े कभी हताश होकर हिम्मत ना हारना बल्कि दुगनी ताकत से अपने मकसद और लक्ष की तैयारी में लग जाना आज नहीं तो कल कामयाबी आपके कदम चूमेगी

आपका अपना
अमीर मलिक

सच्चर कमिटी 2006


SAFTEAM 
DATE,25 jul 2020 

रंगनाथ मिश्रा कमिशन 2009

                रंगनाथ मिश्रा पुर्व चीफ जस्टिस 

SAFTEAM  DATE,25 jul 2020



मुसलमानों को 10 फीसदी आरक्षण की सिफारिश

रंगनाथ आयोग की रिपोर्ट संसद में पेश

Friday, 24 July 2020

सुल्तान सलाउद्दिन अय्युबी के दौर मे मुसलमानो को बेहकाने वाले यहूदी उल्मा.

"सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी" को उनके जासूसों ने बताया कि एक आलिमे-दीन (विद्धवान) हैं जो बहूत अच्छा खिताब करते हैं , लोगो मे बहूत मखबूल (लोकप्रिय) हो गए हैं ..!! 

सुल्तान ने कहा, "आगे कहो ..!!"

जासूस ने कहा, "कुछ गलत है जिसे हम महसूस कर रहे हैं लेकिन शब्दों में बयान नहीं कर सकते ..!!"

सुल्तान ने कहा, "जो भी देखा और सुना है बयान करो ..!!"

जासूस बोले कि वो कहते हैं कि , "नफ़्स का जिहाद अफ़ज़ल है , बच्चो को तालीम देना एक बेहतरीन जिहाद है , घर की जिम्मेदारियों के लिए जद्दोजहद करना भी एक जिहाद है ..!!" 

सुल्तान ने कहा, "क्या इसमें कोई शक (संदेह) है ..?"

जासूस ने कहा कि, "उन्हें कोई शक नहीं लेकिन आलिम का ये भी कहना है कि" -

"जंगों से क्या मिला ..? केवल हत्या और बर्बरता और लाशें , युद्ध ने आपको या तो हत्यारा बना दिया या तो मख़्तूल (पीड़ित) ..!!"

सुल्तान बेचैन हो कर उठे , उसी समय आलिम से मिलने का फैसला किया , मुलाक़ात भेस बदल कर की और जाते ही सवाल कर दिया, " जनाब ऐसी कोई योजना बताएं जिससे कि "बैतूल मुकद्दस" (येरुशलम) भी आजाद हो जाये और मुसलमानो के खिलाफ हो रहे ज़ुल्म को भी बिना किसी युद्ध के खत्म कर दिया जाये..!! 

आलिम ने कहा, "दुआ करो ..!!"

इतना सुनते ही सुल्तान का चेहरा गुस्से से लाल हो गया , वह समझ चुके थे कि ये आलिम पूरी सलीबी फौज (क्रूसेडर्स) से भी ज़्यादा खतरनाक है ..!! 

सुल्तान ने पहले अपने खंजर से उस आलिम की उंगली काट दी , वह बुरी तरह से चीखने लगा , अब सुल्तान ने कहा, "सच बताते हो या गर्दन भी काट दूं ..?"

पता चला कि वो सफेद पोश आलिम एक यहूदी था ,, यहूदी अरबी अच्छी तरह जानते थे , जिसका उसने फायदा उठाया ..!!

सुल्तान ने पाया कि उसके जैसा दर्स (उपदेश) अब खुतबो में आम हो चला था , बड़ी मुश्किल से ये फ़ितना रोका जा सका ..!!

यह फ़ितना अभी भी पूरे जोर शोर पर चल रहा है ..!!

आखिर क्यों लोग इस्लाम को गलत दिशा में ले जाना चाहते हैं ..?
जबकि खुली हकीकत है कि ज़ालिम का सामना किये बगैर ज़ुल्म समाप्त हो जाये , ये मुमकिन ही नहीं ..!!

उल्मा ए सु को लेकर   डा इसरार  की बात  सुने.


कोरोना का खोफ क्या कोरोना मानवजाति के विनाश के लिये मानसिक बिमारी नही हे?

कोरोना सबको होगा , यह ना सोचें।
अमेरीका में एक कैदी को जब फांसी की सजा सुनाई ,तब वहा के कुछ वैज्ञानिकों ने विचार किया की इस कैदी पर कुछ प्रयोग किये जाये ..
तब उस कैदी को बोला गया कि उसे विषधर कोब्रा से डसवा कर मारेंगे...

उसके सामने एक बड़ा विषधर सांप लाया तथा कैदी की आँखो पर पट्टी बांध कर कुर्सी पर बाँध दिया गया 
उसे साँप से ना डसवा कर सेफ्टी पिन चुभाई गई।
आश्चर्य की कैदी की २ सेकंड मे मौत हो गई
पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे कैदी के शरीर मे 
"व्हेनम सदु्श्यम" विष मिला ।
ये विष कहाँ से आया जिससे कैदी की मृत्यु हुई ?
ये विष कैदी के शरीर मे मानसिक धक्के की वजह से उसने ही उत्पन्न किया था।
तात्पर्य ये है कि हमारी अपनी मानसिक स्थिति के अनुसार Positive अथवा Negative
एनर्जी उत्पन्न होती है  तद्नुसार ही हमारे शरीर मे HORMONES पैदा होते है ।
90% बीमारी का मूल कारण
नकारात्मक विचार उर्जा का उत्पन्न होना है।
आज मनुष्य गलत विचारों का भस्मासुर बना कर खुद का विनाश कर रहा है ।
मेरे मतानुसार करोना को मन से ना लगाओ
5 वर्ष से लेकर 100 वर्ष तक के लोग भी ठीक हो गये है ।
आकड़ों पर ना जावे ,आधे से ज्यादा लोग व्यवस्थित है
मृत्यु पाने वाले केवल कोरोना की वजह से नहीं बल्कि उन्हे अन्य बीमारियाँ भी थी, जिसका मुकाबला वे कर नहीं सके ।
 ये याद रखे कोरोना की वजह से कोई भी घर पर नही मरा सबकी मृत्यु अस्पताल मे ही हुई
कारण अस्पताल का वातावरण एवं मन का भय ।
अपने विचार सकारात्मक रखे ओर आनंद से रहे।
कोरोना से जुड़ीं सारी सावधानियों का ख्याल रखें, अच्छा खाएं, समय पर सोएं, आत्म बल मजबूत रखिये , व्यायाम कीजिए और प्रभु में आस्था रखिए।


मानसिक रोग के कारण क्या हैं? (Causes of mental illness in Hindi)

हालांकि, मानसिक रोग के कोई सटीक कारण नहीं होता है, इसलिए यह कहना काफी मुश्किल है कि मानसिक रोग किस वजह से होता है या हो सकता है।
लेकिन, इसके बावजूद मानोविकार पर किए गए काफी सारे अध्ययनों से यह पुष्टि हुई है कि मानसिक रोग मुख्य रूप से इन 5 कारणों से हो सकते हैं-

सर्दी खांसी नजला जुकाम छींक जैसी बिमारी कोरोना नही हे.

  • पारिवारिक माहौल का सही न होना- ऐसा माना जाता है कि अगर किसी घर में हर रोज़ लड़ाई- जगड़े होते हैं, तो इसका असर बच्चे पर बुरा असर पड़ता है।
    इसकी वजह से वे मानसिक रोग से शिकार हो जाते हैं, जिसके लिए मनौविज्ञानिक सहायता की ज़रूरत पड़ती है। 
  • सिर पर चोट लगना- मानसिक रोग होने की संभावना उस स्थिति में भी काफी अधिक रहती है, जब किसी व्यक्ति के सिर पर चोट लग जाती है।
    इसी कारण, लोगो को दो पहिया वाहन चलाते समय या फिर किसी खेल जैसे क्रिकेट खेलते समय हेलमेट पहनने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस दौरान सिर पर चोट लगने का खतरा रहता है।
  • बचपन में किसी दुर्घटना का होना- जब किसी बच्चे के साथ कोई दुर्घटना जैसे मां- बाप का देहांत होना, किसी प्रियजन की मृत्यु हो जाना, किसी कक्षा में फेल हो जाना इत्यादि हो जाती है, तो इसका असर उसके दिमाग पर काफी गहरा होता है और वह मानसिक रोग का शिकार बन जाता है।
  • अपौष्टिक भोजन करना- हो सकता है कि कुछ लोग इस बात पर विश्वास न हो कि मानसिक रोग अपौष्टिक भोजन से भी हो सकता है।
    मगर, ऐसे मामले देखने को मिलते हैं, जिनमें निरंतर अपौष्टिक भोजन करने वाला व्यक्ति मानसिक रोग का शिकार बन जाता है।
  • नशीले पदार्थों का सेवन करना- यदि कोई व्यक्ति नशीले पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करता है, तो उसका असर केवल उसकी शारीरिक सेहत पर ही नहीं पड़ता है बल्कि यह उसकी मानसिक स्वास्थ को भी खराब करता है।
    इसके परिणामस्वरूप, उसका दिमाग सही तरीके से काम नहीं कर पाता है और जल्द ही मानसिक रोग का शिकार बन जाता है। 
  • और जानकारी के लिये यंहा क्लिक करे.


विश्व स्वास्थ्य संगठन के पहले महानिदेशक ब्रॉक चिशहोम, जो कि एक मनोरोग चिकित्सक भी थे, की प्रसिद्ध उक्ति है : ‘बगैर मानसिक स्वास्थ्य केसच्चा शारीरिक स्वास्थ्य नहीं हो सकता है.

किस तरह की दवा काम कर सकती है?

अब तक तीन तरह की दवाओं आजमाया जा रहा है:

  • एंटीबॉडी ड्रग्स जो सीधे कोरोना वायरस के शरीर के अंदर रहने की क्षमता को प्रभावित करता है.
  • ऐसी दवाएँ जो प्रतिरोधक प्रणाली को शिथिल करती है. मरीज़ उस वक़्त गंभीर रूप से बीमार पड़ जाता है जब उसकी प्रतिरोधक प्रणाली ज्यादा काम करती है इससे शरीर को दोतरफ़ा नुकसान पहुँचता है.
  • ठीक हुए मरीज़ों के ख़ून से एंटीबॉडी तैयार करना या फिर लैब में तैयार एंटीबॉडी का इस्तेमाल करना जो वायरस पर हमला कर सकता है.



बिल की खास बातें

  • आत्महत्या के प्रयास को अपराध की श्रेणी से हटाने का प्रावधान किया गया है।
  • मानसिक रोग से पीड़ित बच्चे को उसकी मां से तब तक अलग नहीं किया जाएगा, जब तक बहुत जरूरी ना हो।
  • मानसिक रोगियों की नसबंदी तथा आपात स्थितियों में उनका इलाज बिजली के झटकों से करने पर रोक की व्यवस्था है।
  • बिना रोगी की इच्छा के उसपर किसी तरह का इलाज जबरन नहीं थोपा जा सकेगा।
  • अत्यधिक शराब और मादक पदार्थों के सेवन को मानसिक रोगी की श्रेणी में रखा गया है।

मौसम में बदलाव होने पर तमाम बीमारियां पनपने लगती हैं। इनमें से है जुकाम और फ्लू । जुकाम को नजले के नाम से ही जाना जाता है। जुकाम होने पर गले में खराश होने लगती है। कई बार हम फ्लू को भी मामूली जुकाम समझ बैठते हैं। जुकाम और फ्लू अलग अलग होते हैं।

सर्दी जुकाम मौसम बदलने के साथ इन्सान को होने वाली आम बिमारी हे.


जुकाम अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह इस बात का लक्षण है कि श्वसन तंत्र में संक्रमण हो चुका है और निमोनिया और यूआरआई जैसी दूसरी बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए जुकाम को साधारण बीमारी समझकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।


2019 वैज्ञानिकों का दावा, सर्दी-जुकाम का वायरस करेगा 100 तरह के कैंसर का खात्मा करने का दावा.




मोदी कीतना झूठा हे हर बात मे टु फेकता हे. मोदी के 150 देशको कोरोना के समय मदद करने के दावे को हम रिसर्च करेते हे.

मोदीजी  ने पिछले दिनो  UNO   हमारे देशके प्रधानमंत्री के रुप मे  अपनी हाजरी देने का दावा किया और अजीब बात हे फिरसे वो झूठ बोले देशके सामने इस बात को समझे ने पुरी  पोस्ट परहे.
SFATEAM GUJ. 
DATE, 23 Jul 2020 
देश 

        हमारे देश का विनाश करने  मोदीजी काफी  हे जिस तरहा  देश के   प्रधानमंत्री बन्ने के बाद  मोदीजी  झूठ पर झूठ  देश की जनता के सामने वोलते हे,और  इस झूठ से हमारे देश का नाम जिस तरहा डुबा रहे हे ये भारत देश के साथ हर प्यार करने वालों  के लिये  दुख देने वाला कार्य मोदी कर रहे हे.

    हम यंहा हम बात कर रहे हे मोदीजी के  एक और    फेकु भाषण का जिसमे  उनहो ने   कोरोना वायरस को लेकर  150 इफेक्ट देशों  को मदद  करने का भाषण दिया हे, सबसे पेहले  हम  यंहा वो भाषण  का  विडियो लिंक शेर करते हे.
    दुनिया मे इतना  झूठा  प्रधानमंत्री  किसी देशमे नहीं  होगा.

अब  हम   गुगल की जानकारी से पता करते हे  पुरी दुनिया मे कितने देश कोरोना की बिमारी  मे चपेट मे  हे?और इस संख्या  कितनी  हे?  इन्टरनेट के मुताबिक  पुरी दुनिया मे  113 



Wednesday, 22 July 2020

समाज का लीडर कोन होता हे?

कुच लोग छोटे मोटे सामाजिक कार्य करके गलतफहमी मे हे हम लिडर हे,लिडर उसकी बुलंद इरादों और मजबूत नेतृत्व के साथ बेहतरीन कार्यनीति से पता चलता हे। लिडर समाज मे से कुच समझदार वर्ग चुनता हे, समझें ?

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🙏Sir Ratan Tata Trust Bombay House, Homi Mody Street, Mumbai 400 001 Call: 022-66658282

🙏Reliance Foundation (Previously Ambani Public Charitable Trust) 222 Maker Chambers IV, 3rd Floor, Nariman Point, Mumbai - 400021 Call: 022-44770000, 022-30325000

🙏Amirilal Ghelabhai Charitable Trust 71, Gitanjali, 73 / 75, Walkeshwar Road, Mumbai - 400006

🙏Asha Kiran Charitable Trust C/o Radium Keysoft Solutions Ltd, Call: 022-26358290 101, Raigad Darshan, Opposite Indian oil Colony J.P. Road,   Andheri (w) Mumbai 400 053

🙏Aspee Charitable Trust C/o Americal Spring and Pressing Works Pvt. Ltd P.O. Box No. 7602, Adarsha Housing Soc. Road, Malad (w), Mumbai 400 064 ,

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🙏Burhani Foundation 276 Dr. D. N. Road Lawrence & Mayo House Fort Mumbai-400001

🙏Century Seva Trust Century Bazar, Worli, Mumbai - 400025

🙏Centre for Research & Development Shreyas Chambers,Ground Floor, 175-Dr. D.N. Road, Fort, Mumbai - 400 001

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🙏Dharma Vijay Trust C/O Kilachand Devchand & Co. New Great Insurance Bldg., 7, Jamshedji Tata Road, Mumbai - 400020

🙏Dharamdas Trikamdas Kapoorwala 46, Ridge Road, Rekha No.2, 4th Floor, Mumbai - 400006

🙏Dhirubhai Ambani Foundation Reliance Industries Limited Reliance Centre, 19, Walchand Hirachand Marg, Ballard Estate, Mumbai 400 038. Tel : 022-30327000

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🙏Dipchand Gardi Charitable Trust Usha Kiran, 2nd Floor, Altamount Road, Mumbai - 400006

🙏Divaliben Mohanlal Charitable Trust Khatau Mansion, 1st Floor, 95-K. Omer Park, Bhulabhai Desai Road, Mumbai 400 026

🙏Ekta Charitable Trust 4/444, PanchRatna, Opera House, Mumbai -400004

🙏Eskay Charitable Trust C/O Caprihans India Ltd., Shivsagar Estate, 'D' Block, 2nd Floor, Dr. A. B. Road, Worli, Mumbai - 400018

🙏Excel Process Pvt. Ltd. Charitable Trust 117 / 118, Mathurdas Vasanji Road, Chakala, Andheri (E), Mumbai - 400093

🙏Fazalbhoy Charitable Trust Near Liberty Cinema, Marine Lines, Mumbai -400020

🙏Gala Foundation Behind Vakola Municipal Market, Nehru Road, Vakola, Santacruz(E) Mumbai 

🙏Garware Foundation Trust Chowpatty Chambers, Mumbai - 400007

🙏Gokak Foundation Forbes Bldg., Forbes Street, Mumbai - 400023

🙏Goodlass Nerolac Paints Ltd. (Trust) Nerolac House, A. G. Kadam Marg, Lower Parel, Mumbai - 400013

🙏Govind Dattatraya Gokhale Charitable Trust Kalpataru Heritage, 5th Floor, 129, M.G. Road Mumbai 400 023, Call: 022-22673831

🙏Harendra Dave Memorial Trust C/O Janmabhoomi, 3rd Floor, Janmbhoomi Marg Mumbai 400 001

🙏Helping Hand Charitable Trust 3, Vidarbha Samrat Co-op Hsg. Society 93-c, V.P.Road, Vile Parle (West) Mumbai - 400 056 Tel: 022-6147448

🙏Hiranandani Foundation Charitable Trust Olympia, Central Avenue, Hiranandani Business Park Powai, Mumbai 400076

🙏Herdillia Charitable Foundation Air India Building, 13th Floor Nariman Point Mumbai 400 031, Call: 022-22024224

🙏Hirachand Govardhandas 222, Maker Chambers 1V 3rd Floor, Nariman Point Mumbai 400 021

🙏H. M. Mehta Charity Trust Mehta House, 4 th Floor, Apollo Street, Khushru Dubhash Marg, Mumbai - 400001

🙏H. S. C. Trust Ready Money Mansion, Veer Nariman Road, Mumbai - 400023

🙏Jamnalal Bajaj Foundation Bajaj Bhavan 2nd Floor, Jamnalal Bajaj Marg, 226 Nariman Point, Mumbai 400 021, Call: 022-22023626

🙏Shree Siddhivinayak Temple Trust Prabhadevi, Mumbai - 400 028, Tel. 022-24373626 : Medical Ad Form is available on the Web.
Please see their Web site for details.  

💝उपर बताये हुए सभी जरुरतमंद और गरीब परिवार को मेडीकली सहायता करतें है

 DIALYSIS  can  be  done @ Mumbai's SiddhivinayakTemple for just 200/- only. Total 22 Dialysis Machines installed. Pls. fwd this so others can benefit. Thanks.
Pl pass in your group this is usefull msg for all dialysis patients.Chief minister 
 and superstar Salman Khan * have opened the room under the name of 'Gram Medical Assistance Fund' * in the Mantralaya for the needy patients. This facility is available on all diseases upto a minimum of Rs. 2 lakhs *. For this, you can call the Mantralaya by phone directly.

* Contact Chief: Mr. Shete Saheb *
7th Floor, Ministry, Mumbai
Phone No- 022- 22026948

* Rules *

1) Income certificate within one lakh
2) Kesari / yellow ration card
3) Aadhaar card
4) If there are outpatient hospitals in Mumbai, then the hospital quotes.

Please send this information to all, so that the poor will get the benefit.

For children and girls who have a heart attack, and do not get the proper treatment due to poor conditions, such as Rs. 1,00,000 / - * Salman Khan * will be responsible for the treatment of children and girls. If the person you know needs treatment, * Being Human * will notify the organization via email.

*beinghumanemail@gmail.com*

Also, medicines for such diseases like kidney, cancer, are expensive and can not afford treatment for them all. But now there is no reason to panic.

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*Fwdd as Recd with Intention to b of Help*.🙏

काली कमाई के रास्ते खत्म कर दिए जाएँ , नोट बंदी की जरूरत ही क्यों होगी ? WhatsApp

*काली कमाई के रास्ते खत्म कर दिए जाएँ , नोट बंदी की जरूरत ही क्यों होगी ?*
मैं एक डॉक्टर हूं, और इस लिए
*" सभी ईमानदार डॉक्टर्स से क्षमा सहित प्रार्थना ...! "*
• ........हार्ट अटैक " हो गया ...
डॉक्टर कहता है -  Streptokinase इंजेक्शन ले के आओ ... 9,000/= रु का ... *इंजेक्शन की असली कीमत 700/= - 900/= रु के बीच है .., पर उसपे MRP 9,000/= का है !* आप क्या करेंगे ?
•..............टाइफाइड हो गया ...
डॉक्टर ने लिख दिया - *कुल 14 Monocef लगेंगे ! होल - सेल दाम 25/= रु है ... अस्पताल का केमिस्ट आपको 53/= रु में देता है ...* आप क्या करेंगे ??
•............,,,,किडनी फेल हो गयी है .., *हर तीसरे दिन Dialysis होता है .., Dialysis के बाद एक इंजेक्शन लगता है - MRP शायद 1800 रु है !* 
*आप सोचते हैं की बाज़ार से होलसेल मार्किट से ले लेता हूँ ! पूरा हिन्दुस्तान आप खोज मारते हैं , कही नहीं मिलता ... क्यों ?*
*कम्पनी सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर को सप्लाई देती है !!*
*इंजेक्शन की असली कीमत 500/= है , पर डॉक्टर अपने अस्पताल में MRP पे यानि 1,800/= में देता है ...* आप क्या करेंगे ??
*..........इन्फेक्शन हो गया है .., डॉक्टर ने जो Antibiotic लिखी , वो 540/= रु का एक पत्ता है .., वही Salt किसी दूसरी कम्पनी का 150/= का है और जेनेरिक 45/= रु का ... पर केमिस्ट आपको मना कर देता है .., नहीं जेनेरिक हम रखते ही नहीं , दूसरी कम्पनी की देंगे नहीं .., वही देंगे , जो डॉक्टर साहब ने लिखी है ... यानी 540/= वाली ?* आप क्या करेंगे ??
• बाज़ार में *Ultrasound Test 750/= रु में होता है .., चैरिटेबल डिस्पेंसरी 240/= रु में करती है ! 750/= में डॉक्टर का कमीशन 300/= रु है !*
MRI में डॉक्टर का कमीशन Rs. 2,000/= से 3,000/= के बीच है !
*डॉक्टर और अस्पतालों की ये लूट , ये नंगा नाच , बेधड़क , बेखौफ्फ़ देश में चल रहा है !*
Pharmaceutical कम्पनियों की Lobby इतनी मज़बूत है , की उसने देश को सीधे - सीधे बंधक बना रखा है !
डॉक्टर्स और दवा कम्पनियां मिली हुई हैं ! दोनों मिल के सरकार को ब्लैकमेल करते हैं ...!!
सबसे बडा यक्ष प्रश्न ...
*मीडिया दिन रात क्या दिखाता है ?*
*गड्ढे में गिरा प्रिंस .., बिना ड्राईवर की कार , राखी सावंत , Bigboss , सास बहू और साज़िश , सावधान , क्राइम रिपोर्ट , Cricketer की Girl Friend , ये सब दिखाता है , किंतु ... Doctor's , Hospital's और Pharmaceutical company कम्पनियों की , ये खुली लूट क्यों नहीं दिखाता ?*
मीडिया नहीं दिखाएगा , तो कौन दिखाएगा ?
मेडिकल Lobby की दादागिरी कैसे रुकेगी ?
इस Lobby ने सरकार को लाचार कर रखा है ?
Media क्यों चुप है ?
*20/= रु मांगने पर ऑटोरिक्सा वाले को , तो आप कालर पकड़ के मारेंगे , ..!*
डॉक्टर साहब का क्या करेंगे ???
*यदि आपको ये सत्य लगता है , तो कर दो फ़ॉरवर्ड , सब को ! जागरूकता लाइए और दूसरों को भी जागरूक बनाने में अपना सहयोग दीजिये !!!*
The Makers of Ideal Society 
        *एक सोच बदलाव की* . . . . . Request From:-  Indian

आप तीन लोगो भेज दो और ओ तीन लोग , अगले तीन लोगो को जरूर भेज देगे !
https://www.facebook.com/DrPardeep-Aggarwal-381141815344043/

भारत देशकी जन संख्या के आधार की माहेती .

भारत का विकिपीडिया .

हिंदुस्तान निर्माण दल पर्वीन तोगदिया.

हिंदुस्तान निर्माण दल की वेब साइट देखे.

हमारे देश मे जनता को राजनिति के माध्यम से गुलाम बनाने मे कितनी  पार्टी हे? देखे निचे .

मथुरा जेल से डा.कफील की चिट्ठी , मुसलमान होने ले कारन सरकार जेल मे मारने का प्लान कर रही हे. परहे पुरी चिट्ठी .

#डॉक्टर_कफ़ील ने जेल से कलेजा चीरने वाली एक चिट्ठी लिखी है ….पढिये
July 7, 2020


Kafeel Ahmad Khan
मथुरा जेल में बंद गोरखपुर वाले डॉक्टर कफ़ील आशंका जता रहे हैं कि जेल में उनकी हत्या हो सकती है और इसे आत्महत्या का रूप दिया जा सकता है ! कफ़ील अब किसी पहचान के मोहताज़ तो नही है मगर उनकी पहचान ही उनकी दुश्मन बन गई है। डॉक्टर कफ़ील की चार पेज़ की इस चिट्ठी को बसपा सांसद कुँवर दानिश अली ने ट्वीट किया है। हम  अपने पाठकों के लिए इसे हूबहू पेश कर रहे हैं। 
 
 
यह डॉक्टर कफ़ील लिख रहे हैं..
 
मथुरा कारागार रूटीन 
5:00 बजे सुबह सिपाहियों की आवाज से नींद टूटती है। उठ जाओ और सारे चल दो जोड़े में गिनती के लिए। जैसे ही गिनती पूरी होती है सब दौड़ते हैं टॉयलेट/ वॉशरूम के लिए 534 कैपेसिटी के जेल में 1600 बंदी बंद हैं।

एक-एक बैरक में 125-150 क़ैदी और 4-6 टॉइलट तो लाइन में लगना होता है फ्रेश होने के लिए अक्सर में तीसरे से चौथे नंबर पर रहता हूँ फिर इंतज़ार करिए दूसरा कब निकले कितनी बार में वो अपनी गंदगी साफ कर रहा। जैसे-जैसे अपना नंबर क़रीब आता है पेट में दर्द बढ़ता जाता है आख़िर में जब टॉइलट में एंट्र करते हैं इतनी मक्खियां और मच्छर, इतनी गंदी बदबू कि कभी कभी शिट करने से पहले ही मुझे उल्टी हो जाती है बहरहाल मक्खियां मच्छर भगाते रहो और किसी तरह शिट कर बाहर भागो।

फिर हाथ अच्छी तरह धो कर ब्रश करता हूँ और नहाने के लिए लाइन में लग जाता हूँ अक्सर आधे घेरे में नंबर आ जाता है खुले में ही 3-4 टेप हैं फर्श धोकर पहले कपड़े धोता हूँ फिर नहाता हूँ 7:30 से 8:00 बजे के क़रीब दलिया या चना आता है उसके लिए फिर से लाइन वही नाश्ता होता है फिर टहलता हूँ फिर आजकल इतनी कड़ी धूप और गर्मी से 10-15 मिनट में ही पसीने से भीग तो बनियान और शर्ट में ही टेप के नीचे बैठ जाता हूँ और अपने फटे कंबल पर चादर बिछाकर छोटी जगह जो आपको मिली है झाड़ पोंछ कर बेड बनाया जाता है पर बैठ जाता हूँ क्योंकि बहुत भीड़ होती है तो लोग सट-सट कर सोते हैं सोशल डिस्टेंसिंग तो भूल ही जाओ। लाइट अक्सर चली जाती तो में तो हर आधे या एक घण्टे पर अपने को भिगाकर आ जाता हूँ। पूरे बदन में घमोरियों से बदन जलता है। फिर लाखों मक्खियां अपने ऊपर मंडराती रहती हैं आप भगाते रहो और 5-10 मिनट के लिए रुक जाओ तो हजारों आपके बदन से चिपक जाएंगी। 11:00 बजे के क़रीब लंच/परेडी खाना आ जाता है फिर लाइन में लग बर्तन/थाली धोकर पानी जैसी दाल और फूलगोभी, लौकी, मूली की उबली सब्ज़ी रोटी के लिए अलग लाइन में लगो। निगलो क्योंकि जीना है पानी के साथ दो-तीन रोटी ही निगली जाती हैं कोरोना की वजह से मुलाक़ात बंद है वरना फल फ्रूट्स आ जाते थे उसी से पेट भर लेता था।

12:00 बजे बैरक फिर बंद हो जाता है एक ही टॉइलट है बैरक में फिर 125-150 बंदी, लाइट ग़ायब, पसीने से भीगते लोगों की गर्म साँसे और पेशाब पसीनों की बदबू वो तीन घण्टे जहन्नम/ नरक से बदतर लगते हैं। पढ़ने की कोशिश करता हूँ पर इतना सफिकेशन होता है कि लगता है कब ग़र्श खाकर गिर जाऊं पानी पीता हूँ ख़ूब। 3:00 बजे बैरक ही खुलते सब बाहर भागते हैं पर 45 डिग्री तापमान आपको बाहर ठहरने नहीं देती। दीवार के पास जहां छाया मिलती है वहिं खड़े होकर मिनट मिनट गिनता हूँ ज़ोहर की नमाज़ फिर से नहाने के बाद ही पढ़ता हूँ 5:00 बजे के क़रीब डिनर आ जाता है लगभग वही कच्ची पक्की रोटी और सब्ज़ी दाल बस निगल कर पेट की भूख किसी तरह शांत करलो 6:00 बजे फिर बैरक बंद हो जाता है नहाने के लिए वो भाग दौड़ होती है कि 10-10 लोग एक साथ नहाने की कोशिश करते हैं बैरक बंद होने के बाद फिर वही सफिकेशन सोने के लिए फिर से जद्दोजहद।

                      

ग़रिब पढ़ने के बाद नॉवेल लेकर बैठ जाता हूँ पढ़ने लेकिन वहाँ इतनी घुटन महसूस होती है जिसे में बयां नहीं कर सकता और अगर लाइट चली जाए तो हम पढ़ भी नहीं सकते क्योंकि यहां बहुत शिद्दत की गर्मी होती आप ख़ुद अपने पसीने से भीग जाएं।

कीड़े/मच्छर आपके जिस्म ओर पूरी रात हमला करते हैं पूरा बैरक मछली बाज़ार की तरह लगता है घुटन इतनी बदबू से कोई खाँस रहा कोई खर्राटे ले रहा कोई हवा खारिज कर रहा कुछ लोग लड़ रहे तो कोई बार-बार पेशाब करने जा रहा अक्सर पूरी रात बैठकर ही गुज़ारनी होती है अगर नींद लगी तो पता चला किसी का हाथ पैर लगने से खुल जाती है फिर बस 5:00 बजे सुबह का इंतज़ार रहता है कैसे बाहर निकलें इस जहन्नुम से किस बात की सज़ा मिल रही है मुझे कब अपने बच्चों, बीवी, माँ, भाई, बहनों के पास जा पाऊँगा कब कोरोना की लड़ाई में अपना योगदान दे पाऊँगा ??

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तूफ़ान मचा दो
डॉक्टर काफिल खान
के लिए  फेसबुक पर सिर्फ एक ही पोस्ट बार बार करो
डॉक्टर काफिल खान को रिहा करो 🇮🇳🌹🙏

Tuesday, 21 July 2020

મરહુમ સુલેમાન બાલા કાવી વાલા .

*સમાજ માટે જીવી ગયેલ વ્યક્તિ ને તમારી દુવાઓ મા યાદ કરો.*
તા. ૨૧ જુલાઇ ૨૦૨૦

*મરહુમ સુલેમાન બાલા જેઓ  તા.૨૦ જુલાઇ ના રોજ આ ફાની દુનિયાને અલવિદા કહી અલ્લાહ રબ્બુલ ઇજ્જત ને પ્યારા થય ગયેલ છે, જંબુસર શહેરમાં થયેલ ઈતિકાલ ની ખબર સાંભળી ને ખરે ખર મને દુખ થયું, જેઓ સામાજિક કાર્યોમાં  હમેશા સક્રિય અને ચિંતિત  રહિયા અને પોતાનું જીવન સમાજ માટે અ અર્પિત કરીને ગયા છે.*

*મારા આટલા સમયના ગણા સામાજિક પ્રોગ્રામમાં  ગણી વાર તેમનાં  સાથે મુલાકાત કરવાનો મુજ નાચીસ ને મોકો મળેલ જેતે સમયે સમાજ અને ખાસ મારા ગામની સમાજિક પરિસ્થિતિ ની ચર્ચામાં તેમની લાગણી પોતાના ગામ કાવી પ્રત્યે ગણી ચિંતિત હતી અને  હમારા તરફથી સામાજિક જાગૃતિ ના પ્રોગ્રામ મા સમય સમય પર હાજરી આપતા હતા આવા નિખાલસ અને સમાજને સમર્પિત વડીલ નુ અવસાન થવુ હમારા જેવા નવ યુવાનો માટે ગણો  ગંભીર સમય કહી શકાય આવા સમાજની સમસ્યાઓમા ચિંતિત વડિલો મને પોતે સમાજમાં "ના" બરાબર જોવા મળેલ છે.*

*હુ અાપને આ મેસેજ ના માધ્યમથી ખાસ અપીલ કરીશ મરહુમ માટે ઇસાલે સવાબ કરવા અને આપની દુવા મા મરહુમ ની મગફિરત ની દુવાની ખાસ દિલથી અપીલ કરૂ છુ.*


*અલ્લાહ રબ્બુલ ઇજ્જત તેમના પરિવાર ને સબરે અઝીમ ઈનાયત કરે એવી દુવા કરૂ છુ.*

_મરહુમ સલેમાન બાલા ને હર હમેશ તેમના કાર્યો થી યાદ રાખવામાં  આવશે._

 *Huzaifa Patel, Bharuch GUJ.*
       *(Dadicated Worker)*
*SAF🤝TEAM* 📱9898335767

एपीजे अब्दुल कलाम प्रेरणादायक संघर्ष.

 असफलता केवल यह सिद्ध करती हैं की प्रयत्न पूरे मन से नहीं किया। 
आज बहुत से युवा किसी इम्तेहान या इंटरव्यू या किसी भी काम में जब असफल होते हैं तो वह हिम्मत हार जाते हैं और उसके बाद आगे प्रयास ही नहीं करते इस कदर हतास हो जाते हैं जैसे उन्हों ने सब कुछ गुमा दिया है मगरदर हकीकत असफलता ही सफलता की सीढ़ी है.

हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन डॉ कलाम साहब पायलट बनना चाहते जब वह इंटरव्यू के लिए गए तो उनके साथ आठ और भी थे सब पास हो गए और एक मात्र कलाम साहब फैल हुए इस बात से उन्हें अफसोस जरूर हुआ मगर उन्हों ने कभी हिम्मत नहीं हारी और वे साहस के साथ आगे बढ़ते रहे और भारत के राष्ट्रपति पद तक का सफर तय किया जब वह एक बार एयर फोर्स की मुलाक़ात के लिए गए और जब हज़ारों पायलट उन्हें सलामी देने लगे तब उन्होंने मन ही मन में ये खयाल किया होगा की उस दिन अगर में पायलट बन जाता या हताश होकर बैठ गया होता तो शायद आज का दिन देखना नसीब ना होता.

दोस्तों ज़िन्दगी में कितनी भी कठिनाइयां आये, मुश्किलों का सामना करना पड़े कभी हताश होकर हिम्मत ना हारना बल्कि दुगनी ताकत से अपने मकसद और लक्ष की तैयारी में लग जाना आज नहीं तो कल कामयाबी आपके कदम चूमेगी

आपका अपना
अमीर मलिक

रिश्ता मजबूत करो, अपना किरदार मजबूत करो.

Date:-  21 jul 2020 

जो रिश्ते दिल में पला करते हैं, 
सिर्फ़ वो ही चला करते हैं, 
आखों से पसंद करके बनने वाले रिश्ते 
वक्त वक्त पे बदला करते हैं,

Monday, 20 July 2020

अब आ गइ बुजुर्गों की दुवाए इन्टरनेट पर.

પટેલ વેલ્ફેર હોસ્પિટલ ભરૂચ દ્વારા કોરોના દર્દીઓ ને બિલકુલ મફત સારવાર કરવા માં આવશે..

પટેલ વેલ્ફેર હોસ્પિટલ ભરૂચ દ્વારા કોરોના દર્દીઓ ને બિલકુલ મફત સારવાર કરવા માં આવશે.. 

વેલ્ફેર હોસ્પિટલ ભરૂચ દ્વારા કોવિડ સારવાર માટે સ્પેશ્યલ કોવિડ હોસ્પિટલ પ્રારંભિક રૂ.,65,૦૦,૦૦૦ / - ના ખર્ચથી  શરૂ કરવાનું નક્કી કર્યું છે અને તમામ જરૂરી તબીબી ઉપકરણો સહિત 64 પથારીની ક્ષમતા સાથે આ શરૂઆત કરવામાં આવી છે. કોવિડ દર્દીઓ માટે 8 વેન્ટીલેટર્સ, તેમજ 6 HNFC અને બીજા 12 ઓક્સિજન વાળા બેડ ની સુવિધાઓ યુદ્ધ ના ધોરણે તૈયાર કરાવી આ કોવિડ હોસ્પિટલ ની સુવિધા ઉભી કરવા માં આવી છે


વેલ્ફેર હોસ્પિટલ ભરૂચ ને COVID હોસ્પિટલ શરૂ કરવાની પરવાનગી માટે અરજી કરી હતી..(જેમાં વેન્ટિલેટર, ઓક્સિજન અને ઉચ્ચ અંતિમ સારવારની આવશ્યકતા સહિત તમામ પ્રકારના COVID દર્દીઓ આપી શકાય).  
ભરૂચ ના ડો. વસીમ રાજ અને તેમની ડોકટરોની ટીમે યોગ્ય વેતન સાથે વેલફેર હોસ્પિટલ ભરૂચ ખાતે સારવાર માટે સેવા  આપવા ની તૈયારી દર્શાવી હતી. આવા સમયે ડો વસીમ રાજ પોતે બીમાર પડ્યા હતા અને આ કારણોસર લગભગ એક અઠવાડિયાથી આપણી કોવિડ હોસ્પિટલ ની શરૂઆત કરવાની કાર્યવાહી માં રુકાવટ આવી..આ હોસ્પિટલ ની શરૂઆત કરવા અને મહામારી ના કપરા સમય માં જનતા ની સેવા કરવા માટે અન્ય ડોકટરો ને પણ અપીલ કરવામાં આવી હતી, પરંતુ કોઈ મુસ્લિમ ડોકટર સ્વૈચ્છિક રીતે કે વેતન થી કામ કરવા તૈયાર નહીં થયા ( ભરૂચ વેલ્ફેર હોસ્પિટલ -કોવિડ હોસ્પિટલ માટે ડબલ વેતન ચૂકવે છે). 
અમુક ડોકટર દ્વારા 1 મિનિટ ના રૂપિયા 1000 ની માંગ કરેલ હતી.


હવે પટેલ વેલ્ફેર હોસ્પિટલ દ્વારા ફિઝિશિયન ડોકટર ની સમસ્યાનું સમાધાન થઈ ગયું છે અને વેલફેર હોસ્પિટલ ભરૂચમાં ઇન્શા’અલ્લાહ કોવિડ  હોસ્પિટલ ટૂંક સમય માં શરૂ થશે.


કમનસીબે વેલ્ફેર હોસ્પિટલ ભરૂચની ટીમ વિશે ઘણી બધી ખોટી બાબતો ફેલાઇ છે અને બદઈરાદા થી ફેલાવવા માં આવી રહી છે . એક વાયરલ ઓડિયોમાં કોઈએ ડો મોહમ્મદ કડિયાવાલા અને તેના મુદ્દા સલીમ મોહમ્મદ ફાસીવાળા - વેલ્ફેર હોસ્પિટલ ભરૂચનો ઉલ્લેખ કર્યો છે. ડો. મોહમ્મદ કડિયાંવાલા સવારે આવી ને તરતજ આખા દિવસ કામ કરતા પહેલા જ  આખા દિવસ ની (એડવાન્સ) માં સહી કરી સંસ્થા સાથે ના ઇન્સાફી કરતા હતા...આવા પ્રકાર ના ઓડિયો મેસેજ ફરતા કરી સંસ્થા ને બદનામ કરવા માં આવી રહી છે અને આવું દુષ્કૃત્ય કરી પ્રતિસ્થા ને નુકસાન પહોંચાડવા માં આવી રહ્યું છે. ખોટી અને ગેર સમજ ફેલાવનારા આધારવિહીન વાતો ફેલાવવામાં આવી રહી છે તેના કારણે મારુ હૃદય દુઃખી થયું છે.




વેલફેર હોસ્પિટલ ભરૂચ પાસે આઈસીયુમાં વેન્ટિલેટર સાથે 5 પલંગ છે (કોવિડ સેન્ટરમાં બનાવેલી સુવિધા સિવાય).

પટેલ વેલ્ફેર હોસ્પિટલ ભરૂચ માં બિન કોવિડ દર્દીઓ અથવા કોવિડ નેગેટિવ દર્દીઓની સારવાર કરવામાં આવે છે જેને ઓક્સિજન સુવિધા અથવા વેન્ટિલેટર સુવિધાની જરૂર હોય છે. આવા દર્દીઓની સારવાર નિયમિત ધોરણે 12 દર્દીઓની આસપાસ કરવામાં આવે છે અને સારવાર Dr..સુકેતુ દવે દ્વારા કરવામાં આવે છે જેઓ પોતાનો જીવ જોખમમાં મૂકે છે. હાલમાં વેલ્ફેર હોસ્પિટલ ભરૂચમાં વિવિધ વિશેષતામાં 32 ડોકટરો છે. વેલ્ફેર  હોસ્પિટલ ભરૂચ માં 02 ફિઝિસ્યન ડોકટર્સ હાલ માં સેવા કરી રહ્યા છે.જેમાંથી એક મનીષ ગુપ્તા છે.

કોવિડ હોસ્પિટલ ભરૂચ માં ડો. મનીષ ગુપ્તા અને ડો.વસીમ રાજ ની નિગેહ બાની માં કોવિડ સેન્ટરમાં સારવાર થશે.. 


વેલફેર હોસ્પિટલ ભરૂચમાં કોઈ પણ કોવિડ દર્દી નું મૃત્યુ થયું નથી.


મેં કદીયે ટીકા કરનારા ઓ ને  જવાબ આપવા અથવા સ્પષ્ટતા કરવાનું ક્યારેય વિચાર્યું નથી પરંતુ જ્યારે તેઓ સંપૂર્ણપણે ખોટા છે અને તે હકીકતથી પરિચિત નથી જે ચિંતાજનક છે અને આખા સમાજ ના લોકો ને ગેરસમજ તરફ દોરી જાય છે. મારે આજ કારણસર આજે તથ્યોની સાથે હોસ્પીટલ ની બધી વાતો સ્પષ્ટ કરવી પડી છે.


તમારો વિશ્વાસુ,

સલીમ મોહમ્મદ ફંસીવાલા
પ્રમુખ
વેલ્ફેર હોસ્પિટલ ભરૂચ.



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અલહમદુલિલ્લાહ આવતી કાલ થી ભરૂચ વેલ્ફેર હોસ્પિટલ કોરોના દર્દી ઓની સેવા શરૂ કરશે.એમા ગણો મોટો ખર્ચ થવાની શક્યતા છે અને આવા સમયે આપરી ફરજ એ છે કે જે માલેતુજાર છે આથીૅક મદદકરી ગરીબ લોકોને આ સંસ્થા સારી રીતના સેવા કરી શકે એ માટે સંસ્થા ને સધ્ધર કરવી જરૂરી છે.એક કોવીડ ટેસ્ટ કરાવવા ની ફીસ   2500 રૂપિયા છે અગર અલ્લાહ ના કરે અને ઘરમાં કોઈ પોઝેટીવ કેશ નિકર્યો તો આખા ઘરને ટેસ્ટ કરાવવાનો ફરજીયાત છે તો અગર એક ઘરમાં ૪  વ્યક્તિ છે તો 10,000 ટેસ્ટ ના આપવાના તો વેલ્ફેર માં આ ટેસ્ટ પણ મફત થશે તો બે હાથ જોડી વિનંતી કરું છું બની શકે એટલી મદદ ડોનેશન આપી કરવા પ્રયત્ન કરશો જઝાકલ્લાહ ખેર.
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viral 21 jul 2020
અસ્સલામુ અલયકુમ

હું ખૂબ ઉત્સુક છું કે ભરૂચના વેલફેર હોસ્પિટલ, કોવિડ સેન્ટર શરૂ થવાનું છે અને ભરૂચ અને આસપાસના કોરોના શંકાસ્પદ / ચેપગ્રસ્ત લોકો સારી અને સમયસર સારવાર મેળવશે. અલ્લાહ ઓલમાઇટી વધુમાં વધુ લોકોને આ સુવિધાઓનો લાભ આપવા સક્ષમ બનાવશે અને હું આશા રાખું છું કે બધા દર્દીઓ ઝડપથી સ્વસ્થ થઈ શકે અને સંપૂર્ણ શિફા અને ખુશીઓ સાથે ઘરે જઇ શકશે. અલ્લાહ સર્વશક્તિમાન ખીdમત ઈ ખલકની આ પહેલ કરવા બદલ વેલફેર હોસ્પિટલના સંચાલન અને ટ્રસ્ટમાં સામેલ તમામ લોકોને ખૂબ વળતર આપે.

જો કે, હાલ માં હોસ્પિટલના પ્રમુખ દ્વારા મારા વિષે તાજેતરમાં લખાયેલ લેખને કારણે હું ખૂબ વ્યથિત થઈ ગયો છું અને તેથી સ્પષ્ટતા આપવી જરૂરી લાગે છે. મેં આ ટ્રસ્ટમાં 22 મહિના સુધી ખૂબ જ નિષ્ઠા અને સમર્પણ સાથે કામ કર્યું. જો કે, કેટલાક રેન્ડમ લોકોના સોશ્યલ મીડિયામાં ફરતી ઓડિયો ને આધારે, મારા પર  ગેરરીતિનો આરોપ મૂકાયો છે.

‌ હોસ્પિટલમાં મારી સવારે ઓપીડીનો સમય 8:30 થી 1: 30 અને સાંજે ઓપીડીનો સમય 3 થી 6 હતો. દરેક સ્ટાફ સભ્યને ફરજિયાતપણે પ્રવેશ કરવો અને આવતા અને જતા સમયે તેમની સહી કરવી જરૂરી હતી. રિસેપ્શન ડેસ્ક પર, જ્યારે લોકો તેમના સમયની એન્ટ્રી કરે અને રજિસ્ટ્રેશન બુકમાં સહી કરે ત્યારે રિસેપ્શનિસ્ટ હંમેશા હાજર રહેતો. જ્યારે રીસેપ્શનિસ્ટ હંમેશાં હાજર હોય ત્યારે મારા બધા પ્રવેશને એક જ સમયે કરવું મારા માટે કેવી રીતે શક્ય છે? જો કોઈ સ્ટાફના સભ્ય કામ કરવામાં 5 અથવા 10 મિનિટ મોડા આવે છે, તો રીસેપ્શનિસ્ટ દ્વારા તેમના નામ ઉપર તરત જ લાલ વર્તુળ બનાવવામાં આવતું હતું, જેના માટે તેમનો પગાર કાપવામાં આવતો હતો.

આ નિયમના કારણે મારો પગાર પણ ઘણી વખત કાપવામાં આવ્યો હતો. તેમ છતાં, મેં ત્યાં કામ કરેલા 22 મહિનામાં હું ભાગ્યે જ સાંજના 6 વાગ્યે ઘરે ગયો હતો, બધા દર્દીઓ જોવાય ના જાય ત્યાં સુધી હું હંમેશાં late જતો. હું કટોકટીની સ્થિતિમાં 7, 8 અથવા રાત્રે 9 વાગ્યે  ઘરે જવા રવાના થતો. અને મે જે ઓવરટાઇમ કર્યો છે તેના માટે મને ક્યારેય કોઈ વધારાની ચુકવણી મળી નથી. કે મેં ક્યારેય તે માટે પૂછ્યું પણ નથી, કારણ કે મેં હંમેશાં માનવતાની સેવા કરવા અને દુખી દર્દીઓને રાહત આપવાના હેતુથી કામ કર્યું છે.

મેં મારી બધી પ્રવેશો એક સમયે એક સાથે કરી એ મારા પર મૂકેલા આક્ષેપથી મને  મોટો આંચકો લાગ્યો અને પરિણામે હું ખૂબ વ્યથિત અને દુખી છું. મને હોસ્પિટલના મેનેજમેન્ટ તરફથી આ અપેક્ષા નહોતી કે તેઓ થોડા લોકોની સુનાવણીના આધારે તેમના ચહેરાને બચાવવા માટે બિનજરૂરી રીતે મારી પ્રતિષ્ઠાને બદનામ કરશે અને આવા નીચા સ્તરે પહોંચશે.

મેં કેટલાક અન્ય વ્યક્તિગત કારણોસર વેલ્ફેર હોસ્પિટલમાંથી રાજીનામું આપ્યું છે, પરંતુ જ્યારે પણ હું વિદાય થયો છું, મેં ટ્રસ્ટ અથવા મેનેજમેન્ટ વિશે ક્યારેય કોઈ સોશિયલ મીડિયા પ્લેટફોર્મ પર નકારાત્મક પોસ્ટ કર્યું નથી. અલ્હમદુલિલ્લાહ, અલ્લાહ મારો સાક્ષી છે કે મેં હંમેશાં પ્રામાણિકપણે કામ કર્યું હતું અને હું કિયાઆમહના દિવસે તેની સાથે આવી જ માન્યતા રાખીને સામનો કરીશ.

આજે, મને આ સ્પષ્ટતા કરવાની ફરજ પડી છે કારણ કે મારા વિશે ઘણી જ અસામાન્ય અને ખોટી વાતો સમાજ માં ફરતી કરવામાં આવી છે.આ સમય કોમ ની ખિદમત કરવાનો છે ના કે આવી ખોટી અફવા ને સમાજ માં ફરતી કરવાનો.હું આશા રાખીશ કે મારા માટે ની બધી જ ગેરસમજ ભવિષ્ય માં પણ હટાવી દેવામાં આવશે.

સલામ સાથે,
ડોક્ટર મુહંમદ કડિયવાલા

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