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Friday, 31 July 2020

भारत देश के संविधान और जनता की आजादी को हिंदुरिजम से खतरा,और एजुकेशन क्षेत्रों मे हिंदूरिजम की साजिश .



भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है हमारी गंगा- जमनी तहजीब को कौन नहीं जानता पीछले कुछ सालों से देश में जो घटनायें घट रही है चाहे वह राजकीय स्तर पर हो या सामाजिक स्तर पर हो इससे तो यही लगता है कि क्या घर्मनिरपेक्षता अब सिर्फ संविधान की किताब में ही सिमित रह गई है आपको नहीं लगता कि हम अब धीरे-धीरे एक धर्म आधारित समाज की और बढ़ते जा रहे हैं !

                     एक आई पी एस अफसर जो पहले सी.बी.आइ डायरेक्टर के पद पर भी रह चुके हैं जिनका नाम एम.नागेश्र्वरम राव है उन्होंने ट्वीट किया है कि सन् 1947से1977तक जो शिक्षा मंत्री रहे उन्होंने जो इस्लामीक रुल है उस पर कलइ पोथ ने का काम किया है यानी व्हाइट वोश किया इन शिक्षामंत्रीओं ध्वारा भारतीय इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा गया, हिन्दुओं को उनके ज्ञान से दूर रखा गया,हिन्दु धर्म रुढ़िवादी है ऐसा दिखाया गया और हिन्दू धर्म को हिन्दुरीजम से अलग कर देना जैसे आरोप लगाये है अब इन का यह ट्वीट कीतना कम्युनल है इस का अंदाज आपको इस बात से लग जायेगा उन्होंने जो 30 साल का जिक्र किया है उनमें से 10 साल मौलाना आजाद और बाकी दो और मुस्लीम शिक्षामंत्री रहे और पीछे 10 साल जो शिक्षा मंत्री रहे उन्हें वामपंथी बताया गया है !
                          अब सोचिए हमारा देश कीस और अग्रसर हो रहा है यह इल्ज़ाम सीधे तौर पर एक ऐसी शख्सियत की तरफ इशारा करता है जिसका नाम है हमारे देश के प्रथम शिक्षामंत्री रहे मौलाना अबुल कलाम आजाद जो हमेशा हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक रहे हैं, मौलाना आजाद जो राष्ट्र निर्माता है भारत के चार पीलर महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू,बाबा साहेब आंबेडकर और मौलाना आजाद जिन्होंने आजाद भारत की नीव रखी मौलाना आजाद जिन्होंने आई आई टी,युटीसी,ललीत कला एकेडमी, साहित्य अकादमी जैसे बड़े संस्थान बनाये और यहां तक कि जिसने महाभारत और रामायण जैसे हिन्दू ग्रंथों को फारसी में लिखवाया ताकि भारत के बहार रहने वाले भी भारतीय संस्कृति को समझ सके ऐसी शख्सियत को साम्प्रदायिक बताया जाना उचित है !

                         एक सर्वे अफसर जो की सर्विस रुल पर चलता है जिस की भारतीय संविधान को स्थापित करने की जिम्मेदारी बनती हैं ऐसा अफसर क्या इस कदर कोमवादी सोच रख सकता है ऐसे लोग बदनुमा धब्बा है लोकतंत्र पर लोग इस नौकरीयों में देश की सेवा के लिए आते हैं यहां अब सवाल यह भी उठता है कि क्या अब आईएएस आईपीएस अधिकारियों को भी इसी तरह तैयार तो नहीं कीया जा रहा और हां तो फिर हमारा लोकतंत्र,हमारा संविधान सिर्फ किताबों में किस्सा बनकर रह जायेगा दुसरा यह की क्या नागेश्र्वरम जैसे कोमवादी और निम्न कक्षा की मानसिकता वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी क्या उन्हें सस्पेंड कीया जायेगा यह सवाल भी अपने आप मे कही सवाल पैदा करता है !

सचेत रहे सुरक्षित रहे अपने एवम अपने परिवार के साथ आने वाली नश्लो को इतिहास का सही ज्ञान प्रदान करे ताकी मानसिक रुपसे आजाद होने में कामयाब हो..!!

                अमीर मलेक...!!
           गुजरात  खंभात तहसील 
            राष्ट्रीय मुस्लिम महासभा

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