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Saturday, 25 July 2020

एपीजे अब्दुल कलाम प्रेरणादायक संघर्ष.

 असफलता केवल यह सिद्ध करती हैं की प्रयत्न पूरे मन से नहीं किया। 
आज बहुत से युवा किसी इम्तेहान या इंटरव्यू या किसी भी काम में जब असफल होते हैं तो वह हिम्मत हार जाते हैं और उसके बाद आगे प्रयास ही नहीं करते इस कदर हतास हो जाते हैं जैसे उन्हों ने सब कुछ गुमा दिया है मगरदर हकीकत असफलता ही सफलता की सीढ़ी है.

हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन डॉ कलाम साहब पायलट बनना चाहते जब वह इंटरव्यू के लिए गए तो उनके साथ आठ और भी थे सब पास हो गए और एक मात्र कलाम साहब फैल हुए इस बात से उन्हें अफसोस जरूर हुआ मगर उन्हों ने कभी हिम्मत नहीं हारी और वे साहस के साथ आगे बढ़ते रहे और भारत के राष्ट्रपति पद तक का सफर तय किया जब वह एक बार एयर फोर्स की मुलाक़ात के लिए गए और जब हज़ारों पायलट उन्हें सलामी देने लगे तब उन्होंने मन ही मन में ये खयाल किया होगा की उस दिन अगर में पायलट बन जाता या हताश होकर बैठ गया होता तो शायद आज का दिन देखना नसीब ना होता.

दोस्तों ज़िन्दगी में कितनी भी कठिनाइयां आये, मुश्किलों का सामना करना पड़े कभी हताश होकर हिम्मत ना हारना बल्कि दुगनी ताकत से अपने मकसद और लक्ष की तैयारी में लग जाना आज नहीं तो कल कामयाबी आपके कदम चूमेगी

आपका अपना
अमीर मलिक

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