मानसिक रोग के कारण क्या हैं? (Causes of mental illness in Hindi)
हालांकि, मानसिक रोग के कोई सटीक कारण नहीं होता है, इसलिए यह कहना काफी मुश्किल है कि मानसिक रोग किस वजह से होता है या हो सकता है।
लेकिन, इसके बावजूद मानोविकार पर किए गए काफी सारे अध्ययनों से यह पुष्टि हुई है कि मानसिक रोग मुख्य रूप से इन 5 कारणों से हो सकते हैं-
सर्दी खांसी नजला जुकाम छींक जैसी बिमारी कोरोना नही हे.
- पारिवारिक माहौल का सही न होना- ऐसा माना जाता है कि अगर किसी घर में हर रोज़ लड़ाई- जगड़े होते हैं, तो इसका असर बच्चे पर बुरा असर पड़ता है।
इसकी वजह से वे मानसिक रोग से शिकार हो जाते हैं, जिसके लिए मनौविज्ञानिक सहायता की ज़रूरत पड़ती है। - सिर पर चोट लगना- मानसिक रोग होने की संभावना उस स्थिति में भी काफी अधिक रहती है, जब किसी व्यक्ति के सिर पर चोट लग जाती है।
इसी कारण, लोगो को दो पहिया वाहन चलाते समय या फिर किसी खेल जैसे क्रिकेट खेलते समय हेलमेट पहनने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस दौरान सिर पर चोट लगने का खतरा रहता है। - बचपन में किसी दुर्घटना का होना- जब किसी बच्चे के साथ कोई दुर्घटना जैसे मां- बाप का देहांत होना, किसी प्रियजन की मृत्यु हो जाना, किसी कक्षा में फेल हो जाना इत्यादि हो जाती है, तो इसका असर उसके दिमाग पर काफी गहरा होता है और वह मानसिक रोग का शिकार बन जाता है।
- अपौष्टिक भोजन करना- हो सकता है कि कुछ लोग इस बात पर विश्वास न हो कि मानसिक रोग अपौष्टिक भोजन से भी हो सकता है।
मगर, ऐसे मामले देखने को मिलते हैं, जिनमें निरंतर अपौष्टिक भोजन करने वाला व्यक्ति मानसिक रोग का शिकार बन जाता है। - नशीले पदार्थों का सेवन करना- यदि कोई व्यक्ति नशीले पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करता है, तो उसका असर केवल उसकी शारीरिक सेहत पर ही नहीं पड़ता है बल्कि यह उसकी मानसिक स्वास्थ को भी खराब करता है।
इसके परिणामस्वरूप, उसका दिमाग सही तरीके से काम नहीं कर पाता है और जल्द ही मानसिक रोग का शिकार बन जाता है। - और जानकारी के लिये यंहा क्लिक करे.
किस तरह की दवा काम कर सकती है?
अब तक तीन तरह की दवाओं आजमाया जा रहा है:
- एंटीबॉडी ड्रग्स जो सीधे कोरोना वायरस के शरीर के अंदर रहने की क्षमता को प्रभावित करता है.
- ऐसी दवाएँ जो प्रतिरोधक प्रणाली को शिथिल करती है. मरीज़ उस वक़्त गंभीर रूप से बीमार पड़ जाता है जब उसकी प्रतिरोधक प्रणाली ज्यादा काम करती है इससे शरीर को दोतरफ़ा नुकसान पहुँचता है.
- ठीक हुए मरीज़ों के ख़ून से एंटीबॉडी तैयार करना या फिर लैब में तैयार एंटीबॉडी का इस्तेमाल करना जो वायरस पर हमला कर सकता है.
बिल की खास बातें
- आत्महत्या के प्रयास को अपराध की श्रेणी से हटाने का प्रावधान किया गया है।
- मानसिक रोग से पीड़ित बच्चे को उसकी मां से तब तक अलग नहीं किया जाएगा, जब तक बहुत जरूरी ना हो।
- मानसिक रोगियों की नसबंदी तथा आपात स्थितियों में उनका इलाज बिजली के झटकों से करने पर रोक की व्यवस्था है।
- बिना रोगी की इच्छा के उसपर किसी तरह का इलाज जबरन नहीं थोपा जा सकेगा।
- अत्यधिक शराब और मादक पदार्थों के सेवन को मानसिक रोगी की श्रेणी में रखा गया है।
मौसम में बदलाव होने पर तमाम बीमारियां पनपने लगती हैं। इनमें से है जुकाम और फ्लू । जुकाम को नजले के नाम से ही जाना जाता है। जुकाम होने पर गले में खराश होने लगती है। कई बार हम फ्लू को भी मामूली जुकाम समझ बैठते हैं। जुकाम और फ्लू अलग अलग होते हैं।
सर्दी जुकाम मौसम बदलने के साथ इन्सान को होने वाली आम बिमारी हे.
जुकाम अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह इस बात का लक्षण है कि श्वसन तंत्र में संक्रमण हो चुका है और निमोनिया और यूआरआई जैसी दूसरी बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए जुकाम को साधारण बीमारी समझकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
2019 वैज्ञानिकों का दावा, सर्दी-जुकाम का वायरस करेगा 100 तरह के कैंसर का खात्मा करने का दावा.