हमारे ये ब्लोग आपको हमारी SAFTEAM के सामाजिक कार्यों ओर अनुभव के साथ इतिहास,वर्तमान ओर भविष्य को लेकर बेहतरीन जानकारियाँ देता रहेगा, साथमे हमारे इस ब्लोग मे आपको सोशीयल मिडिया के जानकारी वाले वायरल मेसेज आपतक शेर करेंगे. हमारे बेहतर भविष्य के लिये हमे बदलाव लाना हे। हमारे कार्यो मे आप सहयोगी बनना चाहते हे, कोमेन्ट करे.
Followers
Sunday, 31 May 2020
lockdown -5 + UNLOCK 1 ... 1 jun. to 30 jun 2020
ARTICLE 30 MAY 2020 नया विवाद जन हो रहा हे.
भारतीय संविधान का आर्टिकल 30 क्या है?
Friday, 29 May 2020
કોરોના ષડયંત્ર છે અને ખૂબ મોટો ભ્રષ્ટાચાર પણ છે.
Thursday, 28 May 2020
तमाम रिसर्च के बाद Covid 19 पर ज्ञात नतीजे , WhatsApp
મુસ્લિમ સમાજ ને જાગૃત કરતો વોટસએપ મેસેજ
Tuesday, 26 May 2020
HUZAIFA PATEL के विचार और शेर- शायरी
Saturday, 23 May 2020
Fatwa
Friday, 22 May 2020
આણંદ : સરકારની જાહેરાત મુજબ ૧ લાખની લોન માટે બેંકો પર ઉમટેલ અરજદારોને ધરમધકકો ।
हिंदू राष्ट्र को लेकर डा.बाबासाहेब आंबेडकर के क्या विचार थे?
Thursday, 21 May 2020
CA કરવા ઇચ્છુક મુસ્લિમ વિદ્યાર્થીઓ માટે PMET તરફથી ખાસ નોંધ
Wednesday, 20 May 2020
GUJARAT આત્મનિર્ભર યોજના 2020 SAFTEAM
हमारे साथ सोशल मिडिया के अलग अलग गुरुप से जुडे.___________________________
WhatsApp - 9898335767 नंबर पे अपना पुरा परिचय भेजे,जिसमे आपका पुरा नाम, एड्रेस.
____________________________
E-mail:-safteamgujarat@gamil.com
____________________________
"Facebook- गुरुप जन संपर्क जागृति अभियान से जुडे"👇
https://www.facebook.com/groups/303604830290375/?ref=share
____________________________
SAF🎙️VOICE YOUTUBE subscribe👇
https://youtu.be/eqEI2hgiph8
____________________________
"Instagram से जुडने के लिये क्लिक करे"👇
https://www.instagram.com/p/B-6-tFwjtLw/?igshid=zt5p3llmwoli
____________________________
"Twitter से जुडने के लिये क्लिक करे"👇
Check out SAFTEAM Gujarat (@SafteamG): https://twitter.com/SafteamG?s=09
____________________________
Thank you for contacting
इंडिया दैट इज भारत शैल बी यूनियन ऑफ स्टेट्स’ यानि इंडिया जो कि भारत है ।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद एक के अनुसार हमारे देश का नाम भारत रखा गया और यह स्पष्ट शब्दों में कहा गया था कि ‘इंडिया दैट इज भारत शैल बी यूनियन ऑफ स्टेट्स’ यानि इंडिया जो कि भारत है वह राज्यों का संघ होगा. इससे यह प्रमाणित होता है कि भारतीय संविधान निर्माताओं ने जिसमें बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर की निस्संदेह अग्रणी भूमिका थी का साफ-साफ यह मत था कि किसी भी धार्मिक आधार पर देश की अस्मिता का सृजन न किया जाए. अतः भारतीयों की अस्मिता के लिए हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग असंवैधानिक है…
भारतीय संविधान के अनुच्छेद एक के अनुसार हमारे देश का नाम भारत रखा गया और यह स्पष्ट शब्दों में कहा गया था कि ‘इंडिया दैट इज भारत शैल बी यूनियन ऑफ स्टेट्स’ यानि इंडिया जो कि भारत है वह राज्यों का संघ होगा. इससे यह प्रमाणित होता है कि भारतीय संविधान निर्माताओं ने जिसमें बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर की निस्संदेह अग्रणी भूमिका थी का साफ-साफ यह मत था कि किसी भी धार्मिक आधार पर देश की अस्मिता का सृजन न किया जाए. अतः भारतीयों की अस्मिता के लिए हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग असंवैधानिक है. और ऐसी किसी भी प्रकार की अस्मिता का सृजन संविधान की आत्मा के खिलाफ है. ये सभी जानते हैं कि भारत विश्व का सबसे बड़ा कार्यकारी लोकतंत्र है जिसके अंदर विश्व के आठ धर्म पाए जाते हैं. यथा हिन्दू, इस्लाम, सिक्ख, ईसाई, बुद्ध, जैन, पारसी एवं बहायी धर्म को मानने वाले एक साथ इस देश में बसते हैं. और यह केवल इनकी धार्मिक अस्मिता मात्र है. मंडल कमीशन के एक आंकलन के अनुसार भारतवर्ष में पिछड़ी जातियों की 3747 जातियां, अनुसूचित जाति की 1031 जातियां तथा अनुसूचित जनजाति की लगभग 400 से अधिक मूलनिवासी जातियां यहां रहती हैं. और अगर हजारों जातियों में बंटे सवर्ण समाज को भी जोड़ दिया जाए तो इन सभी जातियों की संख्या लगभग छह हजार से अधिक हो जाती है. इन सब धर्मों को मानने वाले तथा मूलनिवासियों को आप एक अस्मिता ‘हिन्दू’ कह कर कैसे संबोधित कर सकते हैं? इसमें कहीं न कहीं एकांगी अस्मिता में वर्चस्वता की बू आती है.
इसमें धर्म और जातियों की अस्मिताओं से अलग भारतवर्ष में भाषाओं और भौगोलिक प्रांतों की अपनी अलग अस्मिताएं/पहचान है. बहुत से लोगों की अस्मिताएं इन भौगोलिक अस्मिताओं के आधार पर सृजित होते हैं उदाहाराणार्थ, आजमगढ़ में रहने वाला आजमी, कोल्हापुर में रहने वाला कोल्हापुरी, सुल्तानपुरी में रहने वाला सुल्तानपुरी, लुधियाना में रहने वाला लुधियानवी, और इसी के साथ पंजाब में रहने वाला पंजाबी, तमिल, कन्नड़, मलयाली अनेक प्रांतीय अस्मिता को लिए हुए लोग बिना किसी धर्म और जाति के आधार पर एक दूसरे से संबंध या रिश्ता रखते हैं. और इन सब भिन्नताओं के बाद भी एक भारतीयता लिए हुए एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. भारतीय संविधान ने अब तक करीब 22 भाषाओं को संवैधानिक दर्जा दे रखा है. और अनेक भाषाएं संवैधानिक दर्जा प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रही हैं. इनमें कोई भी अपने आप को हिन्दू या हिन्दुस्तानी अस्मिता से जोड़ कर नहीं देखता है. इसलिए भारतीय अस्मिता का सृजन राष्ट्र को मजबूत बनाता है, न कि हिन्दुस्तानी अस्मिता का. इसका सबसे बड़ा प्रमाण अप्रवासी भारतीयों के उदाहरण से लिया जा सकता है. भारत का पासपोर्ट लिए हुए जब भारतीय नागरिक किसी दूसरे राष्ट्र में जाता है तो वह पहचान के लिए अपने आप को हिन्दू, मुसलमान या सिक्ख की अस्मिता से नहीं जोड़ता बल्कि उसके पासपोर्ट पर भारतीय राष्ट्र का राष्ट्रचिन्ह बना हुआ होता है और विदेशों में उसकी अस्मिता आज भी भारतीय है. और इसीलिए जब विदेश में रहने वाला कोई भारतीय मूल का व्यक्ति अपने क्षेत्र में असमान्य कार्य करता है तो उसको भारतीय मूल का कह कर हम सभी भारतीय गर्व करते हैं. चाहे वो कल्पना चावला हों, सुनीता विलियम्स हो, बाबी जिंदल हो, त्रिनिदाद और टोबैगो या मॉरिशस या फिजी के राष्ट्रपति हो, सभी भारतीय मूल के अप्रवासी भारतीयों पर हम गर्व करते हैं.
और वैसे भी हमारे राष्ट्र भारत का सृजन धर्म, भाषा एवं भौगोलिक आधार पर नहीं हुआ. हमारे यहां राष्ट्र का सृजन भावनात्मक सिद्धांत के आधार पर हुआ है जिसमें सभी धर्म के मानने वालों, सभी भाषा को बोलने वालों तथा सभी जातियों में बंटे हुए लोगों का योगदान रहा है. हां, ये बात जरूर है कि कुछ लोगों के योगदान को ज्यादा तरजीह दी गई और कुछ लोगों के योगदान को अभी तक चिन्हित भी नहीं किया गया है. इसलिए भारत की आजादी के 68वें साल में भारतीयता को किस तरह और प्रगाढ़ किया जाए, गहरा किया जाए, विस्तृत किया जाए और ज्यादा समावेशी बनाया जाए इसके उपाय सोचने होंगे.
वैसे भी हिन्दुस्तानी अस्मिता लोगों को धर्म के आधार पर कुछ वर्णों की वर्चस्वता का बोध कराती है. सांस्कृतिक एवं संरचना के आधार पर हिन्दूवाद की अस्मिता समाज को उर्ध्वाधर (गैर बराबरी) में बांटती है औऱ इस अस्मिता में कुछ समाजों का स्वतः वर्चस्व स्थापित हो जाता है. उनकी संस्कृति, उनकी भाषा, उनके तीज और त्यौहार, उनके भगवान, मंदिर और संपूर्ण संस्कृति स्वतः उनका वर्चस्व स्थापित कर देती है. ऐसे में दूसरे समाज यथा दलित, आदिवासी, पिछड़े, धार्मिक अल्पसंख्यक, महिलाएं, हाशिये पर ढ़केल दिए जाते हैं. दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के नायक-नायिकाएं एवं उनका श्रम दोयम दर्जे का दिखाई देते हैं, जिनका कोई आदर नहीं करता. और कहीं न कहीं प्रजातंत्र भी समावेशी नहीं लगता है. इसलिए अगर भारतीय राष्ट्र को सशक्त बनाना है तो हमें वर्चस्वता वाली अस्मिताओं को भुलाना पड़ेगा. और अगर वह अस्मिताएं संविधान में उल्लिखित नहीं हैं तो और भी आवश्यक हो जाता है कि ऐसी अस्मिताओं को पब्लिक डिसकोर्स (जनमानस की भाषा शैली) से बाहर कर दिया जाए ताकि इस राष्ट्र में भारतीय अस्मिता का सृजन और भी प्रगाढ़ हो सके और यह राष्ट्र अपने प्रजातांत्रिक मूल्यों के आधार पर मजबूत बन सके. क्योंकि यह देश वेद-पुराणों-संहिताओं पर नहीं संविधान के आधार पर चलेगा, जिसमें एक सौ पच्चीस करोड़ भारतीयों का कल्याण छिपा है. आइए भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर यह प्रण करें कि हम भारतीय अस्मिता को भारतीय संविधान में निहित शब्द एवं भावना के आधार पर और शक्तिशाली बनाऐंगे.
लेखक प्रो. विवेक कुमार प्रख्यात समाजशास्त्री हैं। जेएनयू के समाजिक विज्ञान संकाय में प्रोफेसर हैं। कोलंबिया विवि के विजिटिंग प्रोफेसर रहे हैं।
हमारे अधिकार और देशके संविधान के साथ देशकी मानवजाति और गणतंत्र को बचाए रखने का सिर्फ संकल्प लेने से काम नहीं चलेगा.
भारत में मीडिया स्वतंत्र तो है लेकिन गुलाम बनकर रहता है
Sunday, 17 May 2020
Saturday, 16 May 2020
આત્મનિર્ભર ગુજરાત સરકાર યોજના બાબત ફતવો.
Thursday, 14 May 2020
मोदीजी का 12 May 2020 के दीन 20 लाख करोड का पैकेज की घोषणा को लेकर विश्लेषण और बेहतरीन जानकारी .
एकता और संगठन को लेकर WhatsApp मेसेज
कोरोना वैक्सीन को लेकर जानकारी .
Wednesday, 13 May 2020
gujarat jamiyate ulame hind.
7/11 मुंबई विस्फोट: यदि सभी 12 निर्दोष थे, तो दोषी कौन ❓
सैयद नदीम द्वारा . 11 जुलाई, 2006 को, सिर्फ़ 11 भयावह मिनटों में, मुंबई तहस-नहस हो गई। शाम 6:24 से 6:36 बजे के बीच लोकल ट्रेनों ...
-
वकील ने उत्तराखंड नागरिक संहिता को हाईकोर्ट में चुनौती दी; कहा प्रावधान मुस्लिम, LGBTQ समुदायों के प्रति भेदभावपूर्ण हैं। होम-आइ...
-
Huzaifa Patel Date : 12 March 2025 अयोध्या भूमि अधिग्रहण मामला: न्याय और पारदर्शिता की परीक्षा । अयोध्या, जो अपनी धार्मिक और सा...
-
मुस्लिम शरिफ की हदीश 179 जिल्द ,1 हिंदी और उर्दू मे आपकी खिदमत मे पैश करते हे. SAFTeamguj. 03 Aug 2021 السلام عل...