दुनिया के जाने माने अर्थशास्त्री Steve Hanke जो कि अमेरिका के जॉन हापकिंस विश्वविद्यालय में एप्लाइड अर्थशास्त्र के प्रोफेसर और जॉन हापकिंस इंस्टीट्यूट फॉर अप्लाइड अर्थशास्त्र, ग्लोबल हेल्थ और बिजनेस एंटरप्राइजेज अध्ययन के संस्थापक और सह निर्देशक हैं|भारत और दक्षिण एशिया के देशों पर उनकी नजर है उन्होंने BBC से एक खास इंटरव्यू में भारत में जारी लॉक डाउन और मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के अलावा कई दूसरों मुद्दों पर बात की|

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रोफेसर Steve Hanke की ने कहा कि “भारत सरकार कोरोना संकट से लड़ने के लिए पहले से तैयार नहीं थी मोदी पहले से तैयार नहीं थे और भारत के पास पर्याप्त उपकरण नहीं है Lockdown के साथ समस्या यह है कि इसे बिना पहले से प्लान के लागू कर दिया गया वास्तव में मुझे लगता है कि मोदी जानते ही नहीं कि योजना का मतलब क्या होता है”|

Steve Hanke ने संपूर्ण लॉक डाउन के पक्ष में नहीं है वह कहते हैं मैं यह साफ कर दूं कि मैं कभी संपूर्ण Lockdown का समर्थक नहीं रहा हूं मैंने हमेशा से स्मार्ट और टारगेटेड अप्रोच की वकालत की है जैसा कि दक्षिण कोरिया स्वीडन और यहां तक कि यूएई में किया गया इसी वजह से मैंने खेल आयोजनों और धार्मिक कार्यक्रमों को रद्द करने की बात की है| Corona संक्रमण से बचने के लिए 24 मार्च की आधी रात को 4 घंटे की नोटिस पर 21 दिनों का संपूर्ण लॉक डाउन देश भर में लागू कर दिया गया जिसे अब 3 मई तक बढ़ा दिया गया है इसके 2 दिन पहले यानी 22 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने देश भर में जनता कर्फ्यू लागू करने की अपील की थी जो सफल रहा था| “भारत में लॉक डाउन की नीतियों पर अधिक सवाल नहीं उठाए गए उल्टा उस समय देश में जश्न का माहौल था जब प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फरवरी को अहमदाबाद में लोगों से भरे एक स्टेडियम में स्वागत किया जबकि उस समय चीन जापान और इटली जैसे देशों में कुछ इलाकों में लोग डाउन लागू कर दिया गया था भारत में कोरोनावायरस का पहला केस 30 जनवरी को सामने आया था”|


आपको बता दें कि पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत भी करो ना महामारी से लड़ रही है कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमण की संख्या महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली है| गुजरात में लगातार कोरोना संक्रमण के मरीज की तादात बढ़ती ही जा रही है सिर्फ अहमदाबाद में कोरोना संक्रमण के मरीज की संख्या 1300 पार हो चुकी है|