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Sunday, 10 May 2020

मुसलामनो को अपने हालात बदलने के लिये कुच ये काम करना हे.

अनवर भाई की कलम से....

कभी boycott की धमकी कभी मोब लिन्चींग कभी इलाज ना करने की धमकी कभी रसुका मे गिरिफ्तारी की धमकी कभी मुस्लिम university को टारगेट करना। कभी NRC CAA की धमकी।

क्या आप भी सोचते है  की अब कोम के हालात बदलने चाहिये क्या आप भी सोचते है की हमे और हमारे बच्चो को इज्जतदार जिन्दगी जीने का हक़हैं तो आइये इस मुहिम मे शामिल होते हैं और अपने ideas मिल्लत को शेयर करते है होसकता है किसी आइडिया पर अमल हो जाये और हमारी तकदीर बदल जाये।
मैसेज थोड़ा बड़ा है लेकिन plz एक बदलाव की सोच के सात पुरा ज़रूर पड़े इन्शाल्लह कोम के लिये काम करने का जज्बा पेदा होगा।

हमारे पास बेहतरीन islamic निजाम है बेहतरीन तन्जीमे है  और हुनर्मंद लोगो की एक पूरी तादाद है  अल्लाह के करम से शानदार businessman और पेसे वाले लोग हैं एक अजीम सोच रखने वाले IAS IPS है  पढ़े लिखें लोगो की पूरी फौज है और अपना पुरा वक़्त देने के लिये पेंशनर्स लोगो की अच्छी खासी तादाद है तो आइये इन सब को साथ लेकर एक complete planning के साथ बदलते हैं  अपनी तक़्दीर क्योंकि बिना efforts किये हमारा कुछ नही होगा सिवाए आगे और बर्बादी और ज़लालत के ।

सबसे पहले centralized mechanism और ऐसी तन्ज़ींम जिसके instructions  हर मुसलमान seriously follow करे। 
इस नुक्तये नज़र से ओल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड AIMPLB सबसे मुफिद तन्जीम है क्योंकि इस तन्जीम मे बहुत पढ़े लिखे क़बिल और हर मस्लक के लोग शामिल हैं  जिनका समाज मे एक अहम  मकाम्ं है  और लगभग हर शख्स इनकी respect करता ह।

AIMPLB को फ्रंट लाईन पर आना ही होगा और बहुत बड़ी जिम्मेदारी और सख्ती के साथ पूरी community के लिये common system ऐण्ड procedure और guidelines  बनाना होगा । कम से कम इन मुद्दों पर।

शादिया : सिवाए निकाह के हर तरह की रस्म खाना दहेज गाने बाजे पर पाबंदी । ना लड़की वाले नाही लडके वाले किसी तरह का खाना करेंगे ना दहेज लेंगे और देंगे तमाम निकाह सम्मेलन मे। इससे कोम के अरबों-खरबों रुपए की बर्बादी रुकेगी। शरीयती एतबार से भी सही है।

इलाज : हर जिले मे कम से कम एक maternity home जहाँ हमारी बहन बेटियों की delivery  बहुत कम खर्चो मे ईज्जत के साथ हो सके और वोह सरकारी अस्पतालो मे male nurse के सामने और दूसरे staff से ज़लील होने से बचे और प्राइवेट मे महँगे इलाज से बच सके । इसके अलावा हर स्टेट मे कम से कम एक world class हॉस्पिटल और लेब जहा बड़ी से बड़ी बिमारी का इलाज होता हो बहुत मामूली खर्चे पर 

थाना कचेरी : एक बहुत बड़ी तादाद हमारी थाना कचेरी से ही बर्बाद ह इसके लिये हर जिले मे शरीया कोर्ट बनायी जाये जहा आपसी मसायिल का हल हो सके। हर जिले मे वकीलो का एक पेनल तैय्यार किया जाये जो हमारे बेगुनाह लोगो के केस बहुत  मामूली खर्चो पर लड़े।

हायर एजुकेशन : हर जिले मे एक इंटरनेशनल स्कूल ऑफ़ इस्लामिक एजुकेशन  मोडर्न साइंस जो मुस्लिम यूनिवर्सिटी से affliated हो जहा एजुकेशन के साथ साथ doctors, advocates, IAS IPS, टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट और govt जॉब से related  वर्ल्ड छलास एजुकेशन मिले कम से कम खर्चो पर।

घरेलू खर्च : बहुत गम्भीर बिमारिया केमिकल और जानवरो की चर्बी के मिलावटी राशन पानी की वजह से है । यहा हमदर्द कंपनी वालो से मदद ले सकते हैं  क्योंकि इनके product मे बिल्कुल मिलावट नही होती। अगर येह हमारे लिये तमाम राशन  का समान आटा दाल चावल से लेकर तमाम मसाले वगेरह बनाने लग जाये पतांजलि की तरह और दूसरे ब्राण्ड से सस्ता हो और हम पर येह लाजिम हो जाये के सिर्फ हमदर्द ब्राण्ड ही इस्तिमाल करना है  तो बहुत बड़ी प्रॉब्लम हल हो जायेगी यहा तक की एक बहुत बड़ी आबादी को हम रोजगार दे पायेंगे सिर्फ इस मुहिम से।

किरायेदार बेघर लोग : एक बहुत बड़ी आबादी या तो किराये से रह्ती ह या कच्चे मकानो झोप्डियों मे रह्ती है अगर हमारे कोम के बडे builders ठेकेदार हर जिले मे अफोर्डेबल हाऊसिंग स्कीम लाये जिससे आप जिन्दगी भार किराये की इनकम पा सकते ह और गरीबो को एक मकान मिल सकते ह। या एक मुश्त पेसे लेकर फ्लैट बेच सकते हैं। तो हमारे स्लम एरिया कम हो जायेंगे है।

हमारे बनाये प्रोडक्ट्स की कम कीमत मिलना : इसकी असल वजह सामान बेचने के लिये plateform ना होना है । अगर हम bigbazar wallmart की तरह हर जिले मे अपना स्टोर खोले और amazon की तरह online website बना दिया  जाये तो बिचौलिये हट जाने से वहा हर सामान अच्छी quality का और मार्केट से सस्ता मिल पायेगा। हमे खरीदारी करने के लिये गेरो के पास नही जाना पडेगा । इससे भी हमरी जिन्दगी मे बहुद बड़ा बद्लाओ आ सकता है और एक बहुद बड़ी तादाद को रोजगार दे सकते ह ।

इमाम मोअज्जिन: पुरे मुल्क मे एक समान salary structure बनाया जाये काबिलियत और एक्सपीरियंस के बेसिस पर।

उर्स इज़्तिमा क़व्वलिया : इन के नाम पर कितना खर्चा हर साल करते है इसका कोई गुमान भी नही कर सकता। अगर एक इज़्तीमे मे 10 लाख लोग आते हो और एवरेज एक आदमी का खर्चा 5000 रुपए हो तो 500 करोड़ होता ह ऐसे कितने इज्तिमे और उर्स हर साल हम करते ह। इसके लिये एक मुकम्मल guideline बनाकर इन खर्चो को कोम पर इस्तिमाल किया जा सकता है ।

जकात खेरात donations : दुनिया मे सबसे ज्यादा हम donation देते हैं बावजूद इसके सबसे ज्यादा गरीबी हमारी कोम मे है लेकिन एक प्रॉपर सिस्टम ना होने की वजह से ना हमारी जकात नज़र आती ह ना donations। इसके लिये एक central mechanism हो जहा तमाम जकात और donations आते हो और फिर वहा से कोम के लोगो पर खर्च हो

न्यूज़ channel : हमारा खुद का एक न्यूज़ channel बनाना होगा जहा अभिसार शर्मा पुण्य प्रसून वाजपेयी रवीश कुमार अकरम रईस खान जेसे बेखौफ ईमानदार काबिल न्यूज़ anchors सरकारो से सवाल पूछ सके। जहा debates होंगी रोजगार news होंगी हमारे प्रोडक्ट्स के advertisement होँगे।इसका खर्चा हमारी कम्पनियों के add se निकलेगा।

अब आपको लगता होगा की येह नामुमकिन् है इतना पेसा और मदद आयेगी कहा से। आपको एक simple calculation बताता हूँ  
हर जिले मे स्कूल 20 cr x 720 = 14400 cr
हर जिले मे meternity होम 5 cr x 720 = 3600 cr
हर स्टेट मे बड़ा हॉस्पिटल 100 cr x 30 = 3000 cr
हर जिले मे wallamart जेसे स्टोर 2 cr x 720 = 1440 cr
Website cost = 1cr 
News channel cost = 10 cr 
टोटल cost = 33440 Cr येह सब onetime cost है, रनिंग cost तो operational income से ही पूरी हो जायेगी 
 इसको हम आधा करदेते है  फिलहाल नार्थ इंडिया के लिये क्योंकि यहा ज्यादा प्रॉब्लम है = 17000 cr 

पेसा कहा से आयेगा।
जमीने वक़्फ की इस्तिमाल की जायेगी।
मानले के 5 cr मुस्लिम फैमिली मे से सिर्फ 1 cr फैमिली जकात एवरेज 10000 रूपए देते हो तो 
1 cr  x 10000 = 10000 cr 
शादियों मे दूल्हा दुल्हन से 20000 दोनो से क्योंकि तमाम खर्चे बन्द हो जायेंगे। 100000 शादिया हर साल 
100000 x 40000 = 400 cr  
हज़ और umrah पर जाने वालो से 10000
8 लाख x 10000 = 800 Cr 
एक जुम्मा झोली महीने की हर मस्जिद से 12 महीने तक 
2000 x 12 x 2 लाख मस्जिद = 4800 cr 
सिर्फ एक साल का इज्तिमा उर्स की रकम  = 1000 cr 
टोटल इनकम = 17000 cr 

यानी बिना किसी पर ज्यादा load दिये हम आधे इंडिया की मुस्लिम आबादी की तकदीर बदल सकते हैं। येह सिर्फ एक साल की इनकम से हुवा ह ऐसे 2 3 सालो की इनकम से पूरे भारत के मुसलमानो की तकदीर बदली जा सकती हैं ।

अब आप सोचेंगे की अकेली तन्जीम येह केसे करेगी तो आप मदद लीजिये इन लोगो और तन्जीमो से 
अजीम प्रेमजी - विप्रो 
एमए यूसुफ अली - लुलु ग्रुप इंटरनेशनल के मैनेजिंग डायरेक्टर
यूसुफ हामिद फार्मा  कंपनी सिप्ला के मालिक
आजाद मूपेन एक स्वतंत्रता सेनानी के बेटे दुबई में एस्टर डीएम हेल्थकेयर के नाम से हास्पिटल चेन चलाते हैं
खोराकीवाला फार्मा कंपनी वॉकहार्ट चलाते हैं।
हमदर्द लिमिटेड 
पॉपुलर फ़्रंट ऑफ़ इंडिया 

इनके अलावा हर जिले मे काफी कोम की मदद करने वाले लोग हैं  जो। एक कॉल पर करोड़ो की मदद दे सकते है।

अब आता है सवाल लोगो को केसे जोड़े 
सबसे पहले एक app और सॉफ्टवेयर wipro ltd से बनवाएंगे। फिर जुम्मे पर एलान करके तमाम मुस्लिम से उसमे इन्फॉर्मेशन fill करवायेंगे। हो सकता है  कुछ  गलत लोग भी इसको register करले इसलिये PFI के cadre जो कि हर जिले और मोहल्ले मे है सर्वे करके फाइनल verify app मे ही कर देंगे और फिर हर मुसलमान का एक uniqe identity nos generate हो जायेगा और उसका color printout निकाल कर हर शख्स रखले सारी facilities इसी uniqe identity nos से मिलेगी। अगर कोई मुस्लिम शख्स इस्लाम के खिलाफ बोलता है जेसे कुछ लोग TV debates मे बोलते या कोई गेर कानूनी अमल करता है तो uniqe identity nos deactivate करदिया जाएगा जिससे वोह कोई सुविधा नही ले पायेगा यहा तक की उसका निकाह मय्यत वगेरह भी नही किया जायेगा। अगर कोई मौलवी या शख्स ऐसा करेगा तो उसका card भी block कर दिया जायेगा उसको कोई रियायत नही दी जायेगी जब तक वो जुर्माना अदा करके activate नही करवा लेता।

इन तमाम चीजो को monitor करने के लिये हर जिले के काजी ए शहर की सरपरस्ती मे टीम तय्यार होगी। जो report देगी स्टेट टीम को और वोह report करेगी central team को।
 इस पूरी प्रक्रिया मे हमे govt से कोई मदद की ज़रूरत नही सिवाए approvals के।

हम हर साल 6 लाख करोड़ रूपए की लेन देन करते हैं अगर हम येह पेसा अपनो मे ही घुमाये तो इनको 5 सालो मे 20 लाख करोड़ कर सकते हैं क्योंकि पेसे से पेसा बनता है ।

यहा हिन्दू मुस्लिम का कोई भेदभाव नही होगा सिर्फ मुस्लिम card holder को रियायत दी जायेगी बाकी इलाज वगेरह सब का किया जाएगा।

येह काम अगर AIMPLB ने कर दिया और हमने इस तन्जीम को सपोर्ट कर दिया तो एक साल मे हमारे और देश के हालात बदल जायेंगे क्योंकि जब 20% आबादी सक्षम होगी तो देश सक्षम होगा।

Message काफी बड़ा बन गया लेकिन हमारी problem भी बहुत बड़ी है।

अगर येह message जिम्मेदारो तक पहुच जाये तो plz  जरूर इन्फॉर्म करदे इसमे और भी मजीद बेहतरी कर सकते हैं

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